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वैशाली की घटना के विरोध में विपक्षी दलों ने निकाला मार्च, पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने की मांग

वैशाली की घटना के विरोध में विभिन्‍न राजनीतिक पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। खगडि़या में भाकपा की ओर से शुक्रवार को प्रतिरोध मार्च निकाला गया। वहीं कटिहार में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया द्वारा कैंडल जुलूस निकाला गया।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 04:42 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 04:42 PM (IST)
वैशाली की घटना के विरोध में विपक्षी दलों ने निकाला मार्च, पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने की मांग
कटिहार में वैशाली की घटना के विरोध में कैंडिल मार्च निकालते लोग।

खगडिय़ा, जेएनएन। भाकपा की ओर से शुक्रवार को प्रतिरोध मार्च निकाला गया। मार्च पार्टी के जिला कार्यालय से निकल कर बलुआही, एमजी मार्ग होते हुए राजेंद्र चौक पर पहुंचा। इस मौके पर सूबे की सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई। राजेंद्र चौक पर सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने वैशाली की घटना की निंदा की। लोगों ने पीडि़त परिवार न्याय दिलाने की मांग की।

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भाकपा जिलामंत्री प्रभाकर प्रसाद सिंह ने कहा कि छेडख़ानी का विरोध करने पर 20 साल की एक युवती को गांव के दबंगों ने जिंदा जला दिया। 15 दिनों बाद इलाज के दौरान उसकी मौत पीएमसीएच में हो गई। इस दौरान पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रही। अब तक केवल एक आरोपित की गिरफ्तारी हो पाई है। उन्होंने सुशासन की सरकार पर जमकर निशाना साधा। कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। कानून का भय खत्म होता जा रहा है। 

इस मौके पर भाकपा राज्य कार्यकारिणी सदस्य प्रभाशंकर सिंह, जिला सहायक मंत्री पुनीत मुखिया, कार्यकारिणी सदस्य विभाषचंद्र बोस, अभिषेक कुमार, मनोज सदा, कृष्णकांत शर्मा, बिहार महिला समाज की निर्मला कुमारी, मंजू देवी आदि मौजूद थे।

वैशाली की घटना पर पीएफआई ने निकाला कैंडल मार्च

कटिहार में भी बैशाली में घटी घटना के विरोध में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया द्वारा कैंडल जुलूस निकाला गया। इस दौरान मृतक लड़की के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इस घटना की तीखी आलोचना की गई। तंजीम के जिला कमेटी सदस्य ऐनुल हक ने कहा कि इस घटना से यह प्रतीत हो रहा है कि बिहार को भी जंगलराज की ओर धकेला जा रहा है। भाईचारा को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। बैशाली में घटी घटना उत्तरप्रदेश के हाथरस में घटी घटना की तरह ही मानवता को शर्मसार करने वाला है। यह लड़ाई तब तक चलती रहेगी, जब तक पीडि़त परिवार को उचित न्याय नहीं मिलता है। वक्ताओं ने दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के साथ पीडि़त परिवार को पचास लाख रुपये मुआवजा के तौर पर देने की भी मांग की। इस मौके पर काफी संख्या में पीएफआई के सदस्य मौजूद थे।


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