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शहीद सैनिकों के परिजनों की सेवा के लिए भागलपुर में खुला सैनिक कल्याण कार्यालय

शहीद सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए सैनिक कल्याण कार्यालय खोला गया है। इस कार्यालय में सेवानिवृत्त सैनिक उनके परिवार और सेवारत सैनिकों का कोई खास केस आता है तो मदद की जाती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 06:32 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 06:32 PM (IST)
शहीद सैनिकों के परिजनों की सेवा के लिए भागलपुर में खुला सैनिक कल्याण कार्यालय
शहीद सैनिकों के परिजनों की सेवा के लिए भागलपुर में खुला सैनिक कल्याण कार्यालय

भागलपुर [जेएनएन]। दुश्मनों से लोहा लेते भागलपुर के 17 लाल शहीद हुए हैं। शहीद सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए भागलपुर में सैंडिस कंपाउंड परिसर में जिला सैनिक कल्याण कार्यालय खोला गया है।

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इस कार्यालय के अंतर्गत भागलपुर, बांका, कटिहार, पूर्णिया, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया और सुपौल के सेवानिवृत्त सैनिक, उनके परिवार और सेवारत सैनिकों का कोई खास केस आता है तो मदद की जाती है। भागलपुर समेत नौ जिले के 41 सैनिक चीन की लड़ाई, श्रीलंका में लिट्टे आंदोलन को समाप्त करने के दौरान और आतंकी हमले में शहीद हुए थे। इनमें 1962 में चीन की लड़ाई में शहीद मधेपुरा निवासी नायक गोपाल राय की पत्नी बुधनी देवी, जयरामपुर (नवगछिया) निवासी नायक ललन प्रसाद कुंवर की पत्नी कल्पना देवी और सहरसा निवासी नायक सूबेदार हीरा कांत झा की पत्नी रानी देवी को राज्यपाल लालजी टंडन ने गत 22 जनवरी को 51 हजार नकद और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था।

1987 में श्रीलंका ऑपरेशन में भागलपुर के आदमपुर निवासी कैप्टन निर्भय सिंह शहीद हुए थे। भागलपुर जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी कर्नल कृष्णा नंदन प्रसाद के अनुसार सैनिकों की सूची सैनिक कल्याण निदेशालय से उपलब्ध कराई गई है। भागलपुर कार्यालय से सूची अपडेट कर मांगा गया है। सरकार द्वारा उद्घोषित लाभ की जानकारी के लिए कई सेवानिवृत्त सैनिक या सैनिकों की विधवा को पत्र लिखा गया। इनमें से एक भी जवाब नहीं मिला। संभव है कि पत्र नहीं पहुंच सका हो।

मसलन, शहीद नायक शत्रुघ्न प्रसाद सिंह की पत्नी नीलम देवी का पता मधेपुरा और सहरसा दोनों जगह दिखा रहा है। इसलिए इनमें सुधार किया जा रहा है। डाटा अपग्रेड के लिए इन सबसे आधारकार्ड, पेन कार्ड, मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी मांगी गई है। इस संबंध में 0641-2400821 पर संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले शहीद की पत्नी को सुविधाएं मिलती है। पत्नी नहीं रहने पर शहीद की मां को मिलती है। पत्नी और मां नहीं रहने पर पिता को सुविधाएं मिलती है।


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