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भागलपुर में तामझाम के साथ खुला सामुदायिक किचन, लेकिन भोजन करने नहीं आ रहे कोई, जानिए वजह

भागलपुर में कोरोना काल में तामझाम से सामुदायिक किचन खुला। ल‍ेकिन भोजन करने पहुंच नहीं रहे हैं। कई ने यहां अनियमितता का अरोप लगाया है तो कई ने कहा कि कैसे जाएं सौ रुपये से ज्‍यादा तो भाड़ा में ही खर्च हो जाता है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 01:47 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 01:47 PM (IST)
भागलपुर में तामझाम के साथ खुला सामुदायिक किचन, लेकिन भोजन करने नहीं आ रहे कोई, जानिए वजह
भागलपुर के सबौर में सामुदायिक किचन खुला है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले के प्रखंडों में खुले कोरोना काल के मद्देनजर गरीब, निस्सहाय, दिव्‍यांग, मजदूर आदि को निश्‍शुल्क भोजन कराने के लिए सामुदायिक किचन हाथी का दांत बनकर रह गया है। तामझाम के साथ खोला गया गरीबों का भोजनालय में गरीब नहीं पहुंच रहे हैं। लाभुकों तक लाभ पहुंचाने में सरकारी सिस्टम हांफ रहा है। उधर जनप्रतिनिधि कहते हैं कि प्रखंड मुख्यालय से दर्जनों गांव 10 से 12 किलोमीटर दूरी पर है एक बार जाने में 30 रुपये ऑटो का किराया है, दो बार आने जाना पड़ता है। ऊपर से कोरोना का खौफ है। जिस के घरों में खाने के लाले हैं, वह किराया कहां से लाएगा और कैसे भोजनालय तक पहुंच पाएगा। सामुदायिक किचन महज एक खानापूर्ति बनकर रह गया है।

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कहते हैं मुखिया

परघड़ी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बिट्टू यादव, बैजलपुर पंचायत के मुखिया जफर आजाद, ममलखा पंचायत की मुखिया कल्याणी देवी, लोदीपुर की मुखिया बेबी देवी, सरधो की मुखिया माला देवी, फरका के मुखिया रामबरन यादव, रजंदीपुर के मुखिया प्रतिनिधि शंकर मंडल,  चंदेरी के मुखिया प्रतिनिधि सरगम आदि कहते हैं कि हमारे पंचायत से एक भी गरीब सामुदायिक किचन में भोजन करने नहीं जा रहा है। दूरी ज्यादा है और कोरोना की भयावहता है। प्रखंड में खुले सामुदायिक किचन का क्षेत्र के गरीबों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। यदि पंचायतों में ऐसी व्यवस्था हो तो इसकी ज्‍यादा उपयोगिता होगी। गरीब लाभान्वित होंगे।

सबौर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राजू साह कहते हैं कि मुझे तो किसी भी प्रकार की कोई जानकारी ही नहीं दी गई है। ताकि हम यहां के गरीबों को सामुदायिक किचन भेजने के लिए प्रेरित कर सकें। खानकित्ता पंचायत के मुखिया संजीत कुमार ने भी और भोजनालय खुलने की जरूरत बताई है। प्रखंड प्रमुख अभय कुमार उप प्रमुख बहुरन मंडल कहते हैं कि सामुदायिक किचन अनियमितता है। खाने वाले आते नहीं हैं। लेकिन कागज पर खाने वालों की लिस्ट बन रही है।

सामुदायिक किचन कोरोना गाइडलाइन और मानक अनुसार संचालित किया जा रहा है। कोई भी गरीब आकर भोजन कर सकते हैं। - विक्रम भास्कर, सीओ, सबौर

आपदा महामारी योजना भी लूटो और बांटो की तर्ज पर चल रही है। प्रखंडों में चल रहा सामुदायिक किचन लूट का खसोट का जरिया बनकर रह गया है। आपदा सचिव से पत्राचार किया जाएगा। - अली अशरफ सिद्दीकी, विधायक, नाथनगर विधानसभा


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