खास लोग ही खा पाएंगे जर्दालु आम, पांच सौ क्विंटल भेजा जाएगा विदेश, मननीयों और अधिकारियों को मिलेगी सौगात
बिहार और भागलपुरवासियों को चखने के लिए भी नहीं मिलेगा का जर्दालु आम। अच्छी क्वालिटी का पांच सौ क्विंटल आम जाएगा विदेश। जिला प्रशासन डेढ़ हजार पेटी आम मननीयों को देगा सौगात में। यहां के लोगों को जर्दालु आम का इंतजार रहता है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। इस साल जर्दालु आम का फलन बहुत कम हुआ है। जो आम पेड़ पर लगे थे, उनमें से ज्यादातर आंधी-बारिश की भेंट चढ़ गए। पांच से दस प्रतिशत ही आम रह गए हैं। अच्छी क्वालिटी के आम माननीयों को सौगात के रूप में भेजे जाएंगे। साथ ही पांच सौ क्विंटल आम विदेश भेजे जाएंगे। इसकी तैयारी चल रही है। इसके बाद जो आम बचेगा वह भागलपुरवासियों को चखने के लिए मिलेगा। कम उपलब्धता की वजह से इसकी कीमत 70 से 80 रुपये किलो से कम होने की उम्मीद नहीं है। विदित हो कि राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक को सौगात के रूप में यह आम भेजा जाता है।
दो हजार एकड़ में जर्दालु आम का बगीचा
जिले में दो हजार एकड़ में जर्दालु आम का बगीचा है। फलन ठीक होती है तो 60 हजार क्विंटल तक आम का उत्पादन होता है। इस साल 20 से 25 प्रतिशत ही आम पेड़ पर लगे थे। पिछले दिनों आई आंधी-बारिश में 70 प्रतिशत आम बर्बाद हो गए। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो पांच हजार क्विंटल ही जर्दालु आम का उत्पादन हो सकेगा। इनमें से अच्छी क्वालिटी का एक हजार पेटी आम बिहार भवन भेजा जाएगा। पांच सौ पेटी आम पटना सौगात के रूप में भेजा जाएगा। साथ ही पांच सौ क्विंटल अच्छी क्वालिटी का आम विदेश भेजने की तैयारी चल रही है। इसके लिए 30 मई को सैंपल जांच में भेजा जाएगा। सैंपल पास होने के बाद वाराणसी व लखनऊ के एक्सपोर्टर के माध्यम से आम को विदेश भेजा जाएगा।
अधिकारियों की पहली पसंद
भागलपुर में कार्यरत और यहां कार्य कर चुके अधिकारियों की पहली पसंद जर्दालु आम है। वे अपने सगे-संबंधियों को भी जर्दालु आम भेजते हैं। इसे लेकर अभी से बुकिंग शुरू हो गई है। जर्दालु आम उत्पादक किसानों से आम उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। माननीयों के सगे-संबंधियों के लिए भी आम के पैकेट तैयार किए जा रहे हैं।
इस साल जर्दालु आम का फलन कम हुआ है। पांच हजार क्विंटल आम उत्पादन होने का अनुमान है। कम उत्पादन होने की वजह से इस साल जर्दालु आम लोगों को महंगा मिलेगा। - अशोक चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष, आम उत्पादक संघ
बारिश-पानी की वजह से 20 से 25 प्रतिशत आम बर्बाद हो गए। अच्छी क्वालिटी का जर्दालु आम विदेश भेजा जाएगा। उत्पादन कम होने की वजह से इस साल आम महंगा मिलेगा। - विकास कुमार, सहायक निदेशक उद्यान