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ऑनलाइन पढ़ाई ने चुराई बच्चों के आंखों की रोशनी, आठ से 18 वर्ष के बच्चों की दूर की नजर हो रही धुधंली, संभलिए

भागलपुर ऑप्थालमोनोलॉजी सोसायटी ने सरकार को पत्र देकर दिए कुछ सुझाव। नेत्र रोग विभाग में पदस्थापित वरीय रेजिडेंट डॉ. पुनित परशुरामपुरिया ने कहा कि गत वर्ष से लेकर अबतक कोरोना की वजह से बच्चे लगातार लैपटॉप या मोबाइल पर ऑन लाइन पढ़ाई कर रहे हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 11:53 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 11:53 AM (IST)
ऑनलाइन पढ़ाई ने चुराई बच्चों के आंखों की रोशनी, आठ से 18 वर्ष के बच्चों की दूर की नजर हो रही धुधंली, संभलिए
ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्‍चों के आंख पर असर पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। पिछले वर्ष से अबतक कोरोना की वजह से स्कूल बंद हैं। बच्चों की पढ़ाई लगातार ऑन लाइन हो रही है। इससे बच्चों की आंखों की रोशनी धुधंली हो रही है, वहीं कई आंख संबंधी कई समस्याएं भी होने लगी हैं। तीन गुणा बच्चे आंखें की समस्याओं से प्रभावित हुए हैं। यानि बच्चे आई डिजीटल स्ट्रेन के शिकार होने लगे हैं। भागलपुर ऑप्थालमोनोलॉजी सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष ने सरकार को पत्र देकर ऑन लाइन संबंधी पढ़ाई को लेकर कुछ सुझाव भी दिए हैं। ताकि बच्चों की आंखें भी सुरक्षित रहे और उनकी पढ़ाई भी जारी रहे।

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जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में पदस्थापित वरीय रेजिडेंट डॉ. पुनित परशुरामपुरिया ने कहा कि गत वर्ष से लेकर अबतक कोरोना की वजह से बच्चे लगातार लैपटॉप या मोबाइल पर ऑन लाइन पढ़ाई कर रहे हैं। इससे बच्चों की आंखें प्रभावित हो रही हैं। कोरोनाकाल के पहले जहां महीने में दो से चार बच्चों का इलाज किया जाता है। अब इनकी संख्या बढ़कर तीन गुनी हो गई है। यानि अब प्रतिमाह 12 से 14 बच्चों की आंखे की रोशनी प्रभावित हुई है वहीं आंखों संबंधी कई समस्याओं से भी ग्रस्त हो रहे हैं। बच्चे डिजिटल आई स्ट्रेन के शिकार होने लगे हैं। इन बच्चों की उम्र आठ वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक की है। डॉ. परशुरामपुरिया ने कहा कि दूर की दृष्टि प्रभावित हुई है। धुंधला दिखाई देता है। वहीं आंखों में लाली, भारीपन, थकान, सिर दर्द की समस्याओं से ग्रस्त हो रहे हैं। जिन बच्चों की दूर की नजर कमजोर हो रही है, उन्हें माइनस दो से लेकर माइनस तीन के अंदर पावर का चश्मा दिया जा रहा है।

सरकार को दिया सुझाव

वरीय नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हर्षवर्द्धन ने सरकार को सुझाव दिया है। जिसमे कहा गया है कि क्लास में पढ़ाई ब्लैक बोर्ड पर होने से बच्चों की आंखें प्रभावित नहीं होती, क्योंकि उनकी दूरी ज्यादा होती है। लेकिन लैपटॉप और मोबाइल पर लगातार घंटों पढ़ाई करने पर बच्चों की आंखों की मांसपेशियों में तनाव होने लगता है। इसलिए पढ़ाई के दरम्यान प्रत्येक आधा घंटा पर ब्रेक देना चाहिए ताकि आंखों को आराम मिल सके।

क्या सावधानी बरतें

कंम्प्यूटर स्क्रीन की ब्राइटेनेश कम करके रखें

प्रत्येक आधा घंटा बाद 20 फीट की दूरी तक 20 सेकेंड तक देखें

ब्लू फिल्टर ग्लाश का चश्मा लगाकर ही लेपटॉप पर काम करें

आदमपुर के नौ वर्ष के संजय को दूर की वस्तु दिखाई नहीं दे रही है। उनके पिता आलोक सिंह ने बताया कि बच्चे को लगातार ऑन लाइन पढ़ाई की वजह से ऐसा हुआ है। डॉक्टर को दिखाया तो पावर का चश्मा पहनने की सलाह दी।

मिरजानहाट की संध्या मिश्रा 13 वर्ष की है। लगातार ऑन लाइन पढ़ाई करने की वजह से उसके सिर में दर्द और थकान होने लगी है। नेत्र रोग विशेषज्ञ से दिखाने पर उसे भी चश्मा लगाने की सलाह दी गई।


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