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सीएम की पहल पर पुरातात्विक स्थल गुवारीडीह टीले को कोसी के कटाव से बचाने की कवायद शुरू, जानिए क्यों है खास

भागलपुर का पुरातात्विक स्‍थल गुवारीडीह को कोसी के कटाव से बचाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके बाद यहां पर खुदाई का काम शुरू होगा। इसके लिए पटना से वरीय अधिकारी खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 09:07 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 09:07 AM (IST)
सीएम की पहल पर पुरातात्विक स्थल गुवारीडीह टीले को कोसी के कटाव से बचाने की कवायद शुरू, जानिए क्यों है खास
जयरामपुर-गुवारीडीह में पुरातात्विक अवशेषों को देखते सीएम। फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, नवगछिया। जयरामपुर-गुवारीडीह बहियार में ढाई-तीन हजार वर्ष पुराने सभ्यता के पुरातात्विक अवशेष स्थल यानि गुवारीडीह टीले को कोसी के कटाव से बचाने के लिए जल संसाधन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। जल्द ही प्रोटेक्शन वर्क शुरू किया जाएगा। इसके लिए संवेदक मुजफ्फपुर के राकेश कुमार ङ्क्षसह ने मटीरियल गिराना शुरू कर दिया है।

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दो से तीन दिन में शुरू हो जाएगा काम

एसडीओ धीरेंद्र कुमार ने बताया कि कटावरोधी कार्य दो से तीन दिन में शुरू हो जाएगा।

कोसी की वर्तमान धारा को पुराने धारा में पायलट चैनल के द्वारा लाने के कार्य को अभी तक प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिल पाई है। हालांकि पांच से सात दिनों में स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

सरकार ने घोषित किया है पुरातात्विक क्षेत्र

बता दें कि बिहार सरकार के कला, संस्कृति व युवा विभाग ने गुवारीडीह पुरातात्विक क्षेत्र को संरक्षित घोषित किया गया है। बिहार प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल, अवशेष तथा कलानिधि अधिनियम,1976 की धारा-3 की उपधारा-1 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिहार के राज्यपाल संलग्न अनुसूची के दूसरे स्तंभ में उल्लेखित भागलपुर जिले के बिहपुर प्रखंड के गुवारीडीह बहियार स्थित पुरातत्विक स्थल/अवशेष को सुरक्षित घोषित करने का प्रस्ताव 12 जनवरी को ही जारी किया गया था।

विभाग द्वारा जारी अधिसूचना को भी चिपकाया गया जगह जगह 

इस बारे में विभाग द्वारा जारी अधिसूचना की प्रति को बिहपुर सीओ सीओ बलिराम प्रसाद व सीआई बदरे आलम के नेतृत्व में प्रखंड व अंचल मुख्यालय के साथ साथ जयरामपुर-गुवारीडीह एवं क्षेत्र के सार्वजनिक स्थलों पर चिपकाया गया था। बताया गया कि अधिसूचना की प्रति के सार्वजनिक स्थलों पर प्रकाशन होने से इस बारे में इलाके के आम से लेकर खास लोग तक अवगत हो जाएं। जिसके बाद दो माह के अंदर लोगों से दावा व आपत्ति लिए जाएंगे। ज्ञात हो कि यहां पर दो माह पूर्व मुख्यमंत्री भी आए थे।  


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