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NSS के स्‍वयंसेवक नीरज को आज मिलेगा राष्ट्रपति से पुरस्‍कार, पूर्णिया के हैं रहने वाले

पूर्णिया का नीरज कुमार एनएसएस पुरस्कार के लिए चयनित हुए हैं। बिहार से 30 स्वयंसेवकों को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पुरस्‍कार देंगे। नीरज कुमार 2015 से राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े हैं। नीरज ने अब तक आठ बार रक्‍तदान किया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 09:34 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 09:34 AM (IST)
NSS के स्‍वयंसेवक नीरज को आज मिलेगा राष्ट्रपति से पुरस्‍कार, पूर्णिया के हैं रहने वाले
राह से भटके युवाओं को मुख्यधारा से जोडऩा नीरज का उद्देश्‍य है।

पूर्णिया [प्रशांत पराशर]। राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवक नीरज कुमार 24 सितंबर को राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार से सम्मानित होंगे। यह पुरस्कार रांची स्थित नेपाल हाउस में राष्ट्रपति के हाथों वर्चुअल सम्मान समारोह में दिया जाएगा। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की ओर से 2018-19 के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।

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पुरस्कार के लिए पूरे देश से 30 स्वयंसेवकों का चयन किया गया है। इनमें बिहार से नीरज भी हैं। वे पूर्णिया जिले के अमौर प्रखंड स्थित दलमालपुर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने पूर्णिया उच्च विद्यालय, रामबाग से मैट्रिक एवं एसएनएसवाइ इंटर कॉलेज, रामबाग से इंटर की परीक्षा पास की है। कॉलेज ऑफ कॉमर्स, पटना में स्नातक की पढ़ाई के दौरान 2015 में उन्होंने एनएसएस ज्वाइन की। उसके बाद स्वच्छता, पौधरोपण व रक्तदान अभियान में उन्होंने भाग लिया। अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई भी पूरी की। कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ही उनका चयन इस पुरस्कार के लिए हुआ है। उनके पिता महेंद्र प्रसाद गुप्ता गांव में ही किराने की दुकान चलाते हैं।

यूथ एंबेसडर बनकर गए थे चीन : नीरज बताते हैं कि अब तक उन्होंने आठ बार रक्तदान किया है। दूसरों को भी वे इस काम के लिए प्रेरित करते हैं। 2017-18 में एनएसएस की ओर से बेंगलुरु, हिमाचल प्रदेश एवं चंडीगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय एकता शिविर (एनआइसी) में शामिल हुए। 2019 के जुलाई में यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत यूथ एंबेसडर बनकर चीन जाने का भी मौका मिला। वह बताते हैं कि पुरस्कृत होने के बाद उन्हें एक मंच मिल जाएगा, जहां से वह दूसरों को समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए प्रेरित कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि राह से भटके युवाओं को मुख्यधारा से जोडऩा और गांव में शिक्षा के लिए काम करना उनकी प्राथमिकता है। नीरज के कार्य से प्रेरित होकर अन्‍य लोग भी उनसे जुड़ रहे हैं। वे लोगों को सेवाभाव जागृत कर रहे हैं।


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