पहाड़ व जंगलों में अब हथियार तस्करों का नया ठिकाना, नक्सलियों से भी बढ़ा रहे साठ-गांठ
मुंगेर पुलिस की लगातार कार्रवाई के कारण अब हथियार तस्करों ने पहाड़ और जंगली इलाकों में अपना नया ठिकाना बनाया है। ऐसे धंधेबाजों को नक्सलियों से भी सांठ गांठ रहता है। क्योंकि बिना नक्सलियों के इजाजत से हथियार निर्माण से जुडे धंधेबाज जंगली इलाकों में धंधा नही कर सकते है।
मुंगेर, जेएनएन। पुलिस प्रशासन के लगातार दबिश को देखते हुए अवैध हथियार निर्माण से जुडे तस्करों ने पहाड की तराई वाले व मैदानी भाग को छोड पहाड़ व घने जंगली इलाकों को नया ठिकाना बना लिया है। हथियार तस्कर जंगली व पहाडी एरिया को अपना सेफजोन समझने लगे है।
हलांकि पुलिस द्वारा पहाडी क्षेत्रों में की जा रही लगातार छापेमारी से तस्करों के हौसले पस्त नजर आ रहे है। धंधे से जुडे लोग पकड़े जाने पर जेल तो जाते है। लेकिन जेल से छुटते ही पुन: इसी धंधे में लिप्त हो जाते है। सूुत्रों की मानें तो ऐसे धंधेबाजों को नक्सलियों से भी सांठ गांठ रहता है। क्योंकि बिना नक्सलियों के इजाजत से हथियार निर्माण से जुडे धंधेबाज जंगली इलाकों में धंधा नही कर सकते है। ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी वर्ष 2014 में शामुपर थाना के तत्कालीक शामपुर थानाध्यक्ष उमाशंकर ङ्क्षसह ने ऋषिकुॅड में छापेमारी कर मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया था। फरवरी 2015 के तत्कालीक शामपुर थानाध्यक्ष राकेश कमार ने मिनी गन फैक्टी का पर्दाफाश कर धंधे से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वर्ष 2017 के तत्कालीक शामपुर थानाध्यक्ष निरज कुमार ने ऋषिकुंड पहाडी इलाकों में छापेमारी कर मिनी गन फैक्ट्री व हथियार से साथ एक नामजद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। शामपुर थानाध्यक्ष विजय कुमार यादवेन्दु ने पटियकोल पहाड से मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश कर एक तस्कर के घर से हथियार की बरामदगी की थी। वर्ष 2018 में ऋषिकुंड पहाड से मिनी गन फँक्ट्री पकडायी थी, जिसमें कारोबारी अंधेरे व झाडी का फायदा उठाकर भाग निकले थे। वर्ष 2020 के सितम्बर माह में घोडाखुंर रामगिरिया पहाड से मिनीगन फैक्ट्री का उदभेदन किया गया है। मामले में तीन लोगों को जेल भेजा गया है। मामले में कुल बारह लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें कुल नौ लोग अब भी फरार है। एसडीपीओ संजय कुमार पांडे ने कहा कि अवैध हथियार व शराब तस्करी के धंधे के विरूद्ध लगातार अभियान जारी रहेगा। धंधे से जुडे लोगों पर नकेल कसी जा रही है।