लोस चुनाव 2019 : भागलपुर में नामांकन 19 मार्च से, लेकिन राजनीतिक दलों ने नहीं खोले पत्ते
भागलपुर लोकसभा सीट पर छह बार कांग्रेस तो चार बार भाजपा का कब्जा रहा है। इस चुनाव में एनडीए के प्रत्याशियों को लेकर अब तक संशय बना हुआ है। अभी यह सीट राजद के कब्जे में है।
भागलपुर [राम प्रकाश गुप्ता]। भागलपुर में दूसरे चरण में लोकसभा का चुनाव होगा। होली के पहले 19 मार्च से नामांकन होगा। भागलपुर, बांका, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान होगा। अब तक किसी भी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। प्रत्याशियों के चयन में एनडीए ने भी चुप्पी साध रखी है।
यह माना जा रहा है महागठबंधन से राजद का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा, क्योंकि यह सीट राजद की सीटिंग है। 2014 में राजद ने इस सीट पर कब्जा जमाया था। एनडीए की ओर से भाजपा या जदयू का उम्मीदवार होगा, अभी स्पष्ट नहीं है। क्षेत्र में सक्रियता भाजपा की अधिक है। एनडीए में भाजपा और जदयू के बीच 17-17 सीटों का तालमेल हुआ है। इस तालमेल में भाजपा को अपनी जीती हुई कई सीटों का त्याग करना पड़ रहा है। भागलपुर को लेकर भी अटकलें लग रही हैं। चुनाव की तिथि की घोषणा होने के बाद दोनों ही दलों में प्रत्याशियों को लेकर सरगर्मी है।
अभी भागलपुर लोस पर राजद का कब्जा
भागलपुर में सबसे अधिक कांग्रेस-छह बार इस सीट पर कब्जा जमा चुकी है। कांग्रेस इस सीट से अंतिम बार 1984 में चुनाव जीती है। इसके बाद भाजपा है। यहां से भाजपा के उम्मीदवार चार बार चुनाव जीते हैं।
1998 में प्रभाष चंद्र तिवारी ने पहली बार इस सीट पर जीत हासिल कर भाजपा को यह सीट दी थी। ठीक एक वर्ष के बाद 1999 में हुए चुनाव में माकपा के सुबोध राय ने भाजपा से यह सीट छीन ली थी। फिर 2004 में यह सीट सुशील कुमार मोदी ने भाजपा को वापस दिलाई। उसके बाद 2006 में उपचुनाव हुआ जिसमें सैयद शाहनवाज हुसैन ने यह सीट भाजपा को दी। 2009 के आमचुनाव में भी हुसैन ने यह सीट भाजपा को दी। 2014 के आमचुनाव में भाजपा से राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने यह सीट छीन ली।
इसके पूर्व 1957 से 1971 तक हुए चुनाव में कांग्रेस की झोली में यह सीट रही। 1957 के चुनाव में बनारसी प्रसाद झुनझुनवाला जीते। उसके बाद लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस के भागवत झा आजाद जीते। 1977 में जनता पार्टी के रामजी सिंह ने कांग्रेस से यह सीट छीनी। फिर 1980 और 1984 में कांग्रेस जीती। 1989 से 1996 तक लगातार हुए तीन चुनावों में जनता दल के चुनचुन प्रसाद यादव को सफलता मिली।