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न रुका ओवरलोडिंग, न तय हुआ सवारी वाहनों का भाड़ा, डीटीओ की घोषणा हवा, हवाई

कोरोना के इस कालखंड में जहां लोगों का रोजी रोजगार ठप हो गया है। पैसे के लाले पड़े हैं वहीं दूसरी तरह किराया वाहन चालकों द्वारा नियम कानून को ताक पर रख कर दोगुने किराया यात्रियों से वसूली जा रही है। जिला प्रशासन व डीटीओ हीं कर पाए बंद ।

By Amrendra TiwariEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 01:18 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 01:18 PM (IST)
न रुका ओवरलोडिंग, न तय हुआ सवारी वाहनों का भाड़ा, डीटीओ की घोषणा हवा, हवाई
अवैध भाड़ा वसूली पर नहीं हुई प्रशासनिक कार्रवाई

लखीसराय, जेएनएन। कोरोना काल में कोविड 19 नियमों का पालन करने के नाम पर जिले भर में सवारी वाहनों का किराया काफी बढ़ा दिया गया। खासकर बस, ऑटो, ई रिक्शा चालकों द्वारा दोगुना से चार गुना भाड़ा वसूली की जाने लगी। इसकी लगातर शिकायत जिलाधिकारी से लेकर मुंगेर डीआईजी मनुमहाराज तक पहुंची। इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर 12 दिसम्बर को जिला परिवहन पदाधिकारी रामाशंकर, एसडीओ संजय कुमार, अपर अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने बस, ऑटो, ई रिक्शा संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर नए सिरे से सरकार द्वारा जारी गजट के आधार पर भाड़ा लेने का निर्णय लिया गया था।

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सात दिन बाद भी प्रशासन निर्धारित नहीं कर पाया भाड़ा

डीटीओ द्वारा एक- दो दिन में सवारी वाहनों का नया भाड़ा निर्धारण कर उसे सार्वजनिक स्थानों पर जारी करने की बात कही थी। लेकिन बैठक के सात दिन बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा भाड़ा निर्धारण नही किया गया है। जिसके अभी भी जिले में सभी सवारी वाहनों के चालकों द्वारा सरकारी प्रावधान से काफी अधिक भाड़ा वसूली की जा रही है। बताया जाता है कि मुंगेर के डीटीओ लखीसराय के प्रभार में है। बैठक के बाद मुंगेर डीटीओ की व्ययस्ता और लखीसराय में समय नही दे पाने के कारण अबतक भाड़ा निर्धारण नही हो पा रहा है।

बेरोकटोक चलती ओवरलोड वाहन

परिवहन विभाग में कोई पदाधिकारी नही रहने के कारण सवारी वाहनों की छत पर और लटक सफर करने की सख्त मनाही के वावजूद ओवरलोडिंग जारी है।इतना ही नही शहर में व्यवसायिक वाहनों के लोडिंग अनलोडिंग पर प्रतिबंध के वावजूद स्थानीय व्यापारी, कारोबारी अपनी मर्जी से लोडिंग का कार्य कर रहे हैं। इस बदहाल व्यवस्था पर किसी का ध्यान नही है। आम जनता सवारी वाहनों में चालकों से वसूली जा रही अधिक राशि से परेशान है। कई बार लोगों ने इस अवैध वसूली और ओवरलोड को लेकर जिला प्रशासन सहित डीटीओ से लिखित शिकायत भी किया था। प्रशासनिक अधिकारियों से इस दिशा में कार्रवई का भरोसा भी दिया गया था, लेकिन उसका फलाफल आज तक नहीं दिखा। 


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