निजाम हत्याकांड में पत्नी समेत चार आरोपित दोषमुक्त
शादी के चार साल बाद ही पति-पत्नी के बीच विवाद हो गया। निजाम की पत्नी ने तिलकामांझी थाने में दहेज प्रताड़ना का केस किया था।
भागलपुर। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश की अदालत ने शुक्रवार को बरहपुरा निवासी मु. निजाम हत्याकांड के चार आरोपितों मु. सलाम, मृतक की पत्नी सैयदा खातुन, मु. राजू और सलीम को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। न्यायालय ने यह फैसला दोनों पक्षों के वकीलों की दलील सुनने के बाद दी।
दिसंबर 2008 को संबंधित थाने में दर्ज प्राथमिकी में निजाम की मां शहजादी खातुन ने कहा था कि मेरे पति की मृत्यु के बाद मेरे इकलौता पुत्र निजाम को अनुकंपा पर सदर अस्पताल में चालक के पद पर नौकरी मिली थी। निजाम की शादी अमरपुर थाना क्षेत्र के महगामा गांव की लड़की से 1997 में हुई थी। शादी के चार साल बाद ही पति-पत्नी के बीच विवाद हो गया। निजाम की पत्नी ने तिलकामांझी थाने में दहेज प्रताड़ना का केस किया था। लेकर मेरे लड़के का साला राजू और सलाम मुंबई से मोबाइल पर धमकी देते थे कि हम कुछ भी कर सकते हैं। भीखनपुर में रहने वाले सलाम जान से मारने का धमकी दिया था।
वेतन पत्नी को दो नहीं तो जान से मार देंगे। 10 फरवरी 2008 की सुबह आठ-नौ बजे निजाम से मेरी बात हुई कि घर पर आकर खाना खाएंगे। लेकिन निजाम नहीं लौटा। 12 दिसंबर 2008 को मेरी बेटी के मोबाइल पर एक महिला ने बताया कि तुम्हारे भाई की मौत हो गई है। जब परिवार के सदस्यों के साथ सदर अस्पताल पहुंची तो निजाम को पंखा से लटका पाया। शहजादी खातुन ने पुत्र की हत्या की आशंका जताई थी।