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सेना में बहाली का मामला : 'महकमे की लाज बचाने में बदल डाली पटकथा'

सेना में बहाली के नाम पर रुपये ऐंठने वाले सिपाही निरंजन को महकमे के बड़े अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त है। शायद इसलिए उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 01:08 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 10:03 AM (IST)
सेना में बहाली का मामला : 'महकमे की लाज बचाने में बदल डाली पटकथा'
सेना में बहाली का मामला : 'महकमे की लाज बचाने में बदल डाली पटकथा'

भागलपुर [जेएनएन]। सेना में बहाली कराने के एवज में गृह रक्षक से रुपये लेने वाले भागलपुर मुख्यालय में तैनात सिपाही निरंजन यादव के बचाव में लगी अधिकारियों की लॉबी ने पूरी पटकथा ही बदल डाली है। मामले की लीपापोती करने के लिए गृह रक्षक योगेंद्र मंडल से सादे कागज पर शपथ पत्र बनवाकर इशाकचक इंस्पेक्टर को दिलवाया गया। शपथ पत्र में योगेंद्र से यह लिखवा लिया गया कि सिपाही निरंजन को उसने विवाह कार्य के लिए 93 हजार रुपये दिए थे। जबकि योगेंद्र ने डीआइजी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर आवेदन दिया था कि उसके बेटे शुभम की बहाली के लिए छह लाख रुपये में करार हुआ था। जिसकी पहली किश्त 93 हजार रुपये निरंजन उससे ले चुका था।

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शर्त थी कि नियुक्ति पत्र देने और योगदान करा देने पर शेष पांच लाख रुपये की रकम देनी होगी। उसको लेकर डीआइजी ने इशाकचक थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश अप्रैल माह में दिया था। लेकिन निरंजन के बचाव में लगी अधिकारियों की लॉबी ने गृह रक्षक योगेंद्र की शिकायत पत्र और उसमें संलग्न रुपये लेने के साक्ष्य संबंधी कागजात को दबाकर प्राथमिकी ही दर्ज नहीं किया। मामले में डीएसपी (प्रारक्ष) संजीव कांत ने अपनी जांच रिपोर्ट में सिपाही निरंजन के विरुद्ध बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई को लेकर चेतावनी पत्र भी जारी कर दिया।

एसएसपी को उसकी कापी भी दी लेकिन बचाव में लगी लॉबी महकमे की लाज बचाने के लिए शिकायतकर्ता को रकम ही वापस कराते हुए मामले की लीपापोती कर दी है। शिकायतकर्ता गृह रक्षक की ओर से दिए गए बैंक एकाउंट, निकासी समेत अन्य साक्ष्य को दरकिनार करते हुए लॉबी ने पटकथा ही बदल डाली। नौकरी दिलाने के एवज में रुपये लेने और देने वाले भी कार्रवाई के दायरे में आ जाएंगे, इस हथियार का दबाव बनाया गया। शनिवार को इशाकचक इंस्पेक्टर ने गृह रक्षक योगेंद्र मंडल की ओर से सादे कागज पर शपथ पत्र देने की पुष्टि की। यह भी बताया कि योगेंद्र ने यह लिखकर दिया है कि विवाह कार्य के लिए निरंजन को रुपये दे रखे थे, वह उसने वापस कर दिया है।

एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि शिकायतकर्ता से कहा गया है कि यदि वह मामले में प्राथमिकी दर्ज कराना चाहे तो थाने में करा सकता है। रही बात सिपाही निरंजन पर कार्रवाई की तो साक्ष्य संकलन होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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