एआइसीटीई ने इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले के लिए घटाया छात्रों की संख्या
भागलपुर इंजीनियरिंग के ब्रांच सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन व कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में 60-60 छात्रों का दाखिला होता था। अब 45-45 का नामांकन होगा।
भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने शिक्षकों की कमी को आधार मानते हुए भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज सहित राज्य के मोतीहारी, चंडी व अन्य कॉलेजों में नए सत्र से दाखिले के लिए छात्रों की पूर्व से स्वीकृत संख्या को घटा दी है।
अब तक भागलपुर इंजीनियरिंग के पांच ब्रांच सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन तथा कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में 60-60 विद्यार्थियों का दाखिला होता था। एआइसीटीई के फैसले के अनुसार अब अगले सत्र से 45-45 विद्यार्थियों का हरेक शाखा में नामांकन होगा। यानि कुल 300 की जगह अब मात्र 225 सीटों पर नामांकन लिए जाएंगे।
इस संबंध में कॉलेज के प्राचार्य प्रो. फखरूद्दीन अंसारी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 18 नवंबर को एआइसीटीई में देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक हुई थी। जिसमें संस्थान के छात्रों की संख्या, शिक्षकों का स्वीकृत पद एवं कार्यरत शिक्षकों की संख्या के साथ-साथ उपलब्ध संसाधनों की रिपोर्ट मांगी गई थी। तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार परियोजना (टेक्यूप फेज-3) से तीन वर्ष के लिए संविदा पर मिले 42 शिक्षकों को नकारते हुए स्थायी शिक्षकों की स्वीकृत 76 पदों के विरूद्ध कार्यरत मात्र 16 शिक्षकों की कम संख्या को आधार बता कर अगले सत्र से छात्रों के दाखिले के लिए स्वीकृत संख्या को घटा दी गई है। प्राचार्य ने कहा कि अभी यह अपील का मामला है एआइसीटीई के पास पुन यहां नामांकन के लिए छात्रों की संख्या नहीं घटे इसके लिए दोबारा पुख्ता तथ्य दिए जाएंगे।
हालांकि इस मामले को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक अतुल कुमार सिन्हा ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में दाखिले के लिए छात्रों की स्वीकृत संख्या नहीं घटने दी जाएगी। निदेशक ने कहा कि टेक्यूप फेज तीन से भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में 42 शिक्षक मिले हैं। वहां शिक्षकों की बहरहाल कोई कमी नहीं है। टेक्यूप भी एमएचआरडी का पार्ट है। इसके अलावा राज्य के इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों के लिए एक हजार शिक्षकों की बहाली की गई है। आगे भी रिक्तियों के विरूद्ध शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया बीपीएससी द्वारा चल रही है।
दोबारा संस्थान से रिपोर्ट एआइसीटीई को भेजी जाएगी। अभी तो यह शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक वार्निंग है। आवश्यक जरूरतों को हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। किसी भी सूरत में सीटों की संख्या नहीं घटने दी जाएगी।