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एनएच 327ई फोरलेन में होगा अपग्रेड, सीमांचल में आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यटन का होगा विकास, टेंडर जारी

अररिया-सिलीगुड़ी एनएच 327ई को अपग्रेड किया जाएगा। हले चरण में 49 किलोमीटर सड़क निर्माण पर 979.67 करोड़ खर्च आएगा। इसके लिए टेंडर जारी किया गया है। इससे सीमांचल में विकास को रफ्तार मिलेगी। इसके साथ ही साथ लोगों के लिए विकास के द्वार भी खुल जाएंगे।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 04:37 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 04:37 PM (IST)
एनएच 327ई फोरलेन में होगा अपग्रेड, सीमांचल में आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यटन का होगा विकास, टेंडर जारी
अररिया-सिलीगुड़ी एनएच 327ई को अपग्रेड किया जाएगा।

किशनगंज [धीरज]। अररिया-सिलीगुड़ी एनएच 327ई को गत दिनों सरकार द्वारा फोरलेन में अपग्रेड करने की मंजूरी दी गई थी। बिहार सीमा में पडऩे वाली अररिया से गलगलिया 94 किलोमीटर लंबी इस सड़क को पहले फेज में गलगलिया से बहादुरगंज तक 49 किलोमीटर को फोरलेन बनाया जाएगा। पहले चरण में 49 किलोमीटर सड़क निर्माण पर 979.67 करोड़ खर्च आएगा। इसके लिए टेंडर जारी किया गया है। दो वर्षों में इसका निर्माण पूरा किया जाएगा।

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एनएच 327 ई अंतर्गत गलगलिया-अररिया पथ के फोरलेन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। राज्य सरकार के अनुरोध पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने निविदा जारी कर कार्य आवंटित करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। वर्क ऑर्डर जारी होने की तिथि से दो वर्ष के अंदर संबंधित एजेंसी को कार्य पूर्ण कर लेना होगा। अगले 15 वर्षों तक उक्त सड़क का रखरखाव की जिम्मेदारी भी संबंधित निर्माण एजेंसी की ही होगी। गलगलिया से अररिया तक कुल 1079.76 करोड़ की राशि से 94 किलोमीटर तक के सड़क का निर्माण कराया जाएगा। जिसमें प्रथम चरण में गलगलिया से बहादुरगंज 49 किमी और दूसरे चरण में बहादुरगंज से अररिया तक 45 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया जाएगा।

आर्थिक, सांस्कृतिक व पर्यटन के क्षेत्र में होगा विकास -

इस सड़क के निर्माण होने से उत्तर पूर्वी कॉरिडोर के कई राज्यों से बेहतर जुड़ाव होने से आर्थिक, सांस्कृतिक तथा पर्यटन क्षेत्रों में विकास के अच्छे परिणाम आने की संभावना है। इसके साथ ही उक्त सड़क के दोनों ओर के कस्बे तथा गांवों में भी बेहतरी की उम्मीद है। सड़क परिवहन में भी बिहार के कई जिलों से पश्चिम बंगाल पूर्वी क्षेत्र की सीमा तक के सीधा संपर्क हो जाएगा। खास बात यह है कि इसी सड़क के समानांतर इंडो-नेपाल बॉर्डर रोड का भी निर्माण हो रहा है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र का चतुर्दिक विकास होगा।

एनएच 327ई को फोरलेन बनाए जाने से आर्थिक विकास में गति आएगी। चाय, अनानास व जूट उत्पादक किसानों को बाजार तक पहुंच बढऩे में मदद मिलेगी। खेती किसानी के अलावा उद्योग धंधे लगाए जाने के अवसर बढ़ेंगे और रोजगार के द्वारा भी खुलेंगे। पर्यटन और सांस्कूतिक विकास में भी अहम कड़ी साबित होगी। - राजकरण दफ्तरी, चाय उद्यमी।

अररिया-सिलीगुड़ी एनएच 327ई को फोरलेन में अपग्रेड किया जाना सरकार की दूरदर्शिता को दर्शाता है। नेपाल, भूटान, बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे होने के कारण यह सड़क सामरिक ²ष्टिकोण से अधिक महत्वपूर्ण है। भविष्य की योजनआों को ध्यान में रखकर फोरेलन बनाया जा रहा है, जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आएगा। मिथिलांचल से सीमांचल का सीधा जुड़ाव होगा और जिलेवासियों को एक नया विकल्प भी मिलेगा। - त्रिलोकचंद जैन, समाजसेवी।

फोरलेन निर्माण की निविदा की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। वर्क ऑर्डर इस महीने के अंत तक जारी हो जाएगा। प्रोजेक्ट हाइब्रिड मोड में होने के कारण कार्य शुरू होने में फिलहाल 3-4 माह का वक्त लग सकता है। 45 मीटर चौड़ी भूमि पूर्व से ही उपलब्ध है, इसलिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। - अरङ्क्षवद कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआइ, पूर्णिया डिविजिन।


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