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TMBU के नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों का एनपीएस के अभाव में हर साल लाखों का नुकसान

एनपीएस को लेकर नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। इसके तहत जो प्रवधान है वो लाभ पहुंचाते हैं लेकिन टीएमबीयू में नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर को ये नहीं मिल रहा है जिससे हर साल लाखों का नुकसान हो रहा है...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 04:30 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 04:30 PM (IST)
TMBU के नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों का एनपीएस के अभाव में हर साल लाखों का नुकसान
टीएमबीयू के असिस्टेंट प्रोफेसर को नहीं मिल रहा एनपीएस...

बलराम मिश्र, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों को न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) का लाभ बार-बार अधिकारियों के निर्देश के बाद भी लंबित पड़ा हुआ है। पिछले पांच वर्षों से एनपीएस के लिए विश्वविद्यालय के नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर अधिकारियों की टेबल का चक्कर लगा रहे हैं। बावजूद उनकी मांगों पर किसी तरह की सुनवाई नहीं हो रही। इस वजह से हर वर्ष उन्हें लाखों रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। साथ ही यदि इस बीच उनके साथ किसी तरह की अनहोनी होती है तो उनके परिवार वाले लाभ से वंचित हो जाएंगे।

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कुछ माह पहले हुआ है डीडीओ से रजिस्ट्रेशन

पांच वर्षों से लंबित पड़े एनपीएस के मामले में कुछ माह पूर्व एनएसडीएल से ड्राइंग डिसबर्सिंग आफिस से कुलसचिव के नाम से रजिस्ट्रेशन हुआ। रजिस्ट्रेशन के बाद यूनिक नंबर विश्वविद्यालय को भेज दिया गया है। 2016 से अब तक नियुक्त हुए असिस्टेंट प्रोफेसरों का डाटा यूनिक नंबर के साथ अपलोड करना है। जो अब तक संसाधन के अभाव में लटका हुआ है। अब तक काफी कम संख्या में असिस्टेंट प्रोफेसरों के साथ अन्य कर्मियों का डाटा अपलोड हो सका है।

क्या है एनपीएस

एनपीएस के तहत जो कर्मचारी एक सितंबर 2005 या उसके बाद नियुक्त हुए हैं। उन कर्मचारियों के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% अंशदान एनपीएस के तहत खाते में जमा होता है। साथ ही सरकार 14% कर्मचारियों के अंशदान में जमा करती है। कर्मचारी इस राशि को विशेष परिस्थितियों को छोड़ बिना सेवानिवृत्ति के भी पहले निकाल सकते हैं।

आयकर में भी मिलती है छूट

एनपीएस खाते में अंशदान जमा करने पर आयकर में भी 50 हजार की अतिरिक्त छूट मिलती है। एनपीएस के तहत सेवानिवृत्ति के पश्चात कुल जमा राशि का कुछ प्रतिशत भाग कर्मचारी को मिलता है, तथा शेष राशि के आधार पर उनका पेंशन तय किया जाता है। इन सब लोगों से अब तक नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर वंचित हैं।

एनपीएस होने के पश्चात एक मुश्त देनी होगी राशि

टीएमबीयू में जिन असिस्टेंट प्रोफेसरों का एनपीएस 2016 से लंबित है। वे यदि नियुक्ति तिथि से इसका लाभ लेना चाहेंगे तो उन्हें एक मोटी रकम नियुक्ति तिथि से प्रति माह के हिसाब से जमा करनी होगी। तभी सरकार उस अनुरूप ही 14% का अंशदान उनके एनपीएस खाते में करेगी। ऐसे में एक साथ उन्हें आर्थिक बोझ बढ़ना तय है।

टीएनबी के असिस्टेन्ट प्रोफेसर का हुआ है निधन

टीएनबी कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष प्रिय का 21 अप्रैल को कोरोना से निधन हो गया था। उनके स्वजनों को भी अब एनपीएस के तहत किसी तरह का लाभ नहीं मिलेगा। नवनियुक्त शिक्षक संघ का कहना है कि यदि एनपीएस के खाते में समय से राशि जमा होनी शुरू होता तो आशीष के स्वजनों को भी इसका लाभ मिलता। वे लोग कई बार विश्वविद्यालय में इसके लिए अधिकारियों के पास अपनी मांग रख चुके हैं।

'एनपीएस को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वेतन में एनपीएस अनुदान की राशि काटने का निर्देश दिया गया है। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो विश्वविद्यालय में अवकाश खत्म होने के बाद इस मामले को देखा जाएगा।'- डा. निरंजन प्रसाद यादव, कुलसचिव, टीएमबीयू


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