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JLNMCH : न इलाज पूरा हुआ... न निडिल खोला... और अस्पताल से चलता कर दिया

JLNMCH भागलपुर सहित आसपास के इलाकों में यह अस्‍पताल काफी प्रतिष्ठित है। लेकिन यहां के डॉक्‍टरों और कर्मियों के कारनामे भी कम नहीं है। इलाज कराने आए एक मरीज का ना तो यहां पूरा इलाज किया गया और न ही निडिल खोला। उसे अस्‍पताल से भेज दिया गया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 11:49 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 11:49 AM (IST)
JLNMCH :  न इलाज पूरा हुआ... न निडिल खोला... और अस्पताल से चलता कर दिया
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, जहां डॉक्‍टरों और कर्मियों ने लगातार लापरवाही की।

भागलपुर, जेएनएन। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के कर्मियों का फिर एक कारनामा सामने आया है। एक मरीज, जिसकी बीमारी का इलाज भी पूरा नहीं हुआ, अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। लापरवाही इस कदर कि उसके हाथ में स्लाइन चढ़ाने के लिए लगा वेसोफिक्स और निडिल भी नहीं खोला गया। अस्‍पताल में मरीेजों के साथ स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों का ऐसे व्‍यवहार से लोगाें में नाराजगी बढ़ रही है। इस ओर अस्‍पताल प्रशासन को ध्‍यान देने की जरूरत है। अन्‍यथा की स्थिति में  मरीजों के स्‍वजनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है। 

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भोजन नहीं मिलने पर पता करने गया तो काट दिया गया नाम 

नाथनगर निवासी 60 वर्षीय मरीज सुरेश प्रसाद सिंह ने बताया कि सांस तेज चलने और पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल आया था। 19 नवंबर को मुझे डॉ. राजकमल चौधरी की यूनिट में भर्ती किया गया। बीमारी की तकलीफ से अभी जूझ रहा हूं। लेकिन, शनिवार को अस्पताल से नाम काट दिया गया। दरअसल, दोपहर में अस्पताल से उन्हें भोजन नहीं मिला। पता करने पर बताया गया कि उनका नाम कट गया है। उन्हें छुट्टी दे दी गई है। अस्‍पताल कर्मियों की ऐसे हरकत से एक तरफ जहां मरीजों की परेशानी बढ़ गई, वहीं उनके स्‍वजनों ने अस्‍पताल प्रशासन पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है। 

इनडोर मेडिसीन में 60 मरीजों को ही लिया जाता है भर्ती

इस बाबत पूछने पर यूनिट प्रभारी डॉ. राजकमल चौधरी ने कहा कि जांच रिपोर्ट में सुरेश प्रसाद सिंह में कोरोना के लक्षण नहीं मिले। गैस्टिक की वजह से उनके पेट में दर्द था। इनडोर मेडिसीन में मात्र 60 मरीजों को ही भर्ती लिया जाता है। चूंकि मरीज लगभग स्वस्थ है इसलिए उन्हें छुट्टी दी गई। ताकि इमरजेंसी के अन्य मरीजों को भर्ती किया जा सके। उन्‍होंने मरीजों द्वारा अस्‍पताल प्रशासन पर लगाए गए आरोप को पूरी तरह निराधार बताया है। उन्‍होंने कहा यहां हर मरीजों का रखा जाता है  खास ख्‍याल। 


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