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साइकिल दुकानदार की बेटी ने बिहार का नाम किया रोशन, गृह मंत्रालय में इस पद पर मिली नौकरी

बिहार के पूर्णिया की नीलू ने एसएससी के तहत गृह मंत्रालय दिल्ली में असिस्टेंट सेक्सनल आफिसर बनकर यह साबित कर दिखाया है कि बेटियों को अगर मौका दिया जाए तो वह आसमान को भी छू सकती है। नीलू के पिता साइकिल मरम्मत करने की दुकान चलाते हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 05:06 PM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 05:06 PM (IST)
साइकिल दुकानदार की बेटी ने बिहार का नाम किया रोशन, गृह मंत्रालय में इस पद पर मिली नौकरी
पूर्णिया की नीलू ने देश का नाम रोशन किया है।

संवाद सूत्र, रूपौली (पूर्णिया)। कहते हैं अगर इच्छा-शक्ति मजबूत हो, तो आसमान में भी सुराख किया जा सकता है। ऐसा ही देखने को मिला है मोहनपुर बाजार में, जहां एक साइकिल मरम्मती की दुकान चलाने वाले की बेटी नीलू ने एसएससी के तहत गृह मंत्रालय, दिल्ली में असिस्टेंट सेक्सनल आफिसर बनकर, यह साबित कर दिखाया है कि बेटियों को अगर मौका दिया जाए तो वह आसमान को भी छू सकती है। मोहनपुर बाजार के फूलेश्वर साह बाजार में एक छोटी-सी साइकिल की दुकान चलाते हैं। उसी से वह किसी प्रकार अपनी आजीविका भी चलाते हैं। उनकी तीसरी संतान नीलू बचपन से ही काफी कुशाग्र बुद्धि की थी, जिससे इस गरीब परिवार को लगा कि अगर इस पढ़ाया जाए तो यह कुछ कर सकती है।

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उसकी पढ़ाई पर ध्यान दिया तथा वह पहली बार में ही नवोदय परीक्षा 2007 में निकाल ली तथा वह वहीं से प्लस टू तक पढ़ाई की। फिर उसने कोलकाता विश्वविद्यालय से ग्रेजूएशन की डिग्री हासिल की। इस दौरान उसकी फीस एवं पढ़ाई के लिए पैसा जूटाने में पिता को काफी संघर्ष करना पड़ा। परंतु उन्होंने इसका एहसास नीलू को नहीं होने दिया। नीलू भी अपने पिता के अरमानों पर कभी पानी फिरने नहीं दिया। ग्रेजुएशन के बाद उसे रेलवे के धनबाद डिविजन में ग्रुप सी में तकनीशियन के पोस्ट पर पहली नौकरी मिली।

उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी, उसका लक्ष्य था कि वह एसएससी के तहत आनेवाले पीजीआई की परीक्षा में सफलता मिले तथा वह आफिसर बने। उसकी मेहनत रंग लाई तथा उसे गृह मंत्रालय, दिल्ली में असिस्टेंट सेक्सनल आफिसर के पद पर सफलता मिली। उसने 12 अगस्त को दिल्ली में इस पद पर अपना योगदान दिया है। मौके पर नीलू ने बताया कि उसने अपना संघर्ष अभी जारी रखा है।

वह इस काम को करते हुए बीपीएससी, यूपीएससी के लिए भी तैयारी करती रहेगी। उसने इस मुकान पर पहुंचाने के लिए अपने मोहनपुर बाजार के प्रारंभिक गुरू को दिया हैं, जिनके सानिध्य में रहकर उसने इस मुकाम को हासिल किया है। जबकि माता उर्मिला देवी, पिता फूलेश्वर साह एवं सगे-संबंधियों का स्नेह एवं आशीर्वाद उसपर हमेशा बना रहा। मौके पर पिता फूलेश्वर साह ने आंखों में आंसूओं के साथ कहा कि समाज कहता है बेटियां भारी होती हैं, परंतु आज उसी बेटी ने उनके कद को काफी बढ़ा दिया है।


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