बड़े हमले की तैयारी में नक्सली, गिरीडीह से हिरावल दस्ते के पहुंचने की सूचना
जमुई के सोनो, चरकापाथल, खैरा, मुंगेर के धरहरा व बांका के बेलहर, कटोरिया में सक्रिय नक्सली कमांडर को ताकत देने यह दस्ता पहुंचा है। इसकी अगुआई में बड़े हमले की तैयारी की गई है।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। अर्धसैनिक बलों और पुलिस की ओर से चलाए जा रहे अभियान से चोट खाए नक्सली नए साल में बड़े हमले की तैयारी में हैं। तकनीकी निगरानी से उनकी इस काली योजना की भनक खुफिया विभाग को लगी है। खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जमुई, मुंगेर, लखीसराय के कजरा, किऊल, बांका के कटोरिया, बेलहर, अमरपुर और भागलपुर के बाथ, शाहकुंड, अकबरनगर, सजौर इलाके में अर्धसैनिक बल और स्थानीय पुलिस को निशाना बना सकते हैं। इसके लिए गिरीडीह के पिपराडीह, मधुबन, पीरटाढ़ इलाके से पार्टी के हिरावल दस्ते के जमुई पहुंचने की बात कही जा रही है।
कहा जा रहा है कि अर्धसैनिक बलों और स्थानीय पुलिस के ऑपरेशन से ताकत खो चुके जमुई जिले के सोनो, चरकापाथल, खैरा, मुंगेर के धरहरा और बांका के बेलहर, कटोरिया में सक्रिय नक्सली कमांडर को ताकत देने यह दस्ता पहुंचा है। इसी दस्ते की अगुआई में बड़े हमले की तैयारी की गई है। खुफिया सूत्रों के अनुसार अर्धसैनिक बलों और स्थानीय पुलिस पर घात लगाकर हमले की तैयारी है। पुलिस के वरीय पदाधिकारियों को भी निशाना बनाया जा सकता है। जिससे निपटने के लिए अर्धसैनिक बल भी पूरी तरह मुस्तैद हो गई है।
खुफिया रिपोर्ट पर स्थानीय पुलिस बल भी अपनी रणनीति बदलते हुए सतर्क हो गई है। अर्धसैनिक बलों की टुकडिय़ों नक्सलियों के हिरावल दस्ते की ओर से एंबुस लगाने, सड़क मार्ग में छिपा कर रखे विस्फोटक से विस्फोट कराने। आइइडी विस्फोट करने की संभावना को देखते हुए सतर्क हो गई है। पैदल गश्ती को तवज्जो दी जा रही है। उपरोक्त नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की कंपनियां बांका, जमुई, मुंगेर जिले में तैनात है। इन जगहों पर बिहार सैन्य पुलिस और जिला बलों की थानों में मौजूदगी है।
10 जनवरी 2010 को अकबरनगर बीएमपी कैंप पर हुआ था हमला
नक्सलियों ने भागलपुर के शाहकुंड-अकबरनगर मुख्य मार्ग में मौजूद बीएमपी कैंप पर 10 जनवरी 2010 की दोपहर हमला कर अत्याधुनिक हथियार और गोला बारूद लूट लिया था। तब 200 नक्सलियों का पैदल दस्ता शाहकुंड के बेल्थू गांव के रास्ते बहियार होकर कैंप पहुंचे थे जबकि मुंगेर होते हुए सवारी गाड़ी से 12 नक्सलियों ने अकबरनगर पहुंच कर हमले को अंजाम दिया था। हमले में बीएमपी जवान बुरी तरह जख्मी हुए थे। नक्सलियों ने उन्हें संभलने का भी मौका नहीं दिया था और हथियार लूट कर आसानी से चलते बने थे।
दो घंटे बाद जिला मुख्यालय को हमले की जानकारी मिली थी। बाद में एक दर्जन से अधिक नक्सलियों को बांका, मुंगेर, जमुई समेत अन्य जिलों से गिरफ्तार किया गया था। लूटे गए हथियारों की बरामदगी नहीं हो सकी थी। इसके पूर्व सजौर थाने पर भी हमला कर नक्सलियों ने पुलिस की राइफल लूट ली थी। नक्सली मुंगेर, जमुई, बांका, लखीसराय में पूर्व में कई जघन्य वारदात को अंजाम दे चुके हैं। मुंगेर एसपी केसी सुरेंद्र बाबू समेत कई जवानों की हत्या भी कर चुके हैं।
नक्सलियों के हिरावल दस्ते के पास है अत्याधुनिक हथियार
नक्सलियों का हिरावल दस्ता अत्याधुनिक हथियारों से लैस बताया जा रहा है। अर्धसैनिक बलों और जिला पुलिस बल से मुठभेड़ के लिए इनके पास एके-47, इंसास, ग्रेनेड आदि हथियार हैं। जबलपुर सीओडी से गायब एके-47 के मुंगेर लाए जाने के बाद कई हथियार नक्सलियों के पास भी जाने की बात सामने आ चुकी है। मुंगेर के बरदह में बने लोकल मेड एके 47 से वे पहले से लैस बताए जा रहे हैं।