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फूलों की खेती से महक रही नवीन की बगिया, कटिहार के किसानों के लिए बने रोल माडल

फूलों की खेती से नवीन की बगिया महक रही है। वह अब कटिहार के किसानों के लिए रोड माडल हैं। बीए के छात्र नवीन ने यहां पर तैयार फूलों को बड़े बाजारों में भी भेजते हैं। इससे उन्‍हें अच्‍छी खासी कीमत...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 31 Oct 2021 04:27 PM (IST)Updated: Sun, 31 Oct 2021 04:27 PM (IST)
फूलों की खेती से महक रही नवीन की बगिया, कटिहार के किसानों के लिए बने रोल माडल
फूलों की खेती से नवीन की बगिया महक रही है।

संवाद सूत्र, हसनगंज (कटिहार)। फूलों की खुशबू के साथ समृद्धि की राह तलाशने वाले बीकाम पार्ट टू के छात्र सह किसान नवीन कुमार आज कइयों के लिए मिसाल हैं। पढ़ाई के साथ-साथ किसानी से लगाव की चाहत में गेंदा फूल की खेती कर अपनी जिंदगी की बगिया संवार रहे हैं। इस काम में घर परिवार के सदस्यों का उन्हें खूब साथ मिलता है। मुनाफा दिखा तो अब आस-पास के लोग भी इनसे फूलों की खेती का गुण सीखने आ रहे हैं। वे इसकी खेती के लिए युवाओं को भी प्रेरित कर रहे हैं।

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ट्रेन की सुविधा होने से यहां का फूल स्थानीय बाजार सहित पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के बाजारों तक जाता है।

कटिहार जिले के हसनगंज प्रखंड के रामपुर पंचायत निवासी नवीन कुमार ने वैशाली जिले में बड़ी बहन के यहां फूलों की खेती देख वहां से प्रेरणा लेकर और खेती का गुर सीखकर फूल की खेती की शुरूआत की। इस क्षेत्र में खेती के इस नए प्रयोग को लेकर शुरुआती दौर में इन्हें परेशानी भी हुई। लोगों ने उपहास भी बनाया, लेकिन इन्होंने हिम्मत नही हारी। पढ़ाई के साथ-साथ लगातार मेहनत के बाद आखिर में सफलता हाथ लगी।

फूलों की खेती में ज्यादा है मुनाफा

एक वर्ष से नवीन गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं। नवीन बताते हैं कि फूल की खेती छोटे किसानों के लिए बेहतर विकल्प है। एक एकड़ खेती करने के लिए औसतन 30 हजार का खर्च आता है। त्योहारों के साथ-साथ लगन व अन्य आयोजनों में फूल की विशेष मांग रहती है। फिलहाल पांच कठ्ठा जमीन पर गेंदा फूल की खेती की है। जिसमें खर्च काट कर 20 हजार का मुनाफा कमाया है।

अब वृहत पैमाने पर इसकी खेती की योजना बना रहे हैं। नवीन ने अपनी बगिया में प्रयोग के लिए करीब पांच सौ रजनीगंधा फूल का भी पौधा लगाया है और अब गुलाब फूल की खेती की भी योजना बना रहे हैं। इनके साथ गांव के ही मित्र साजन कुमार ने भी फूल की खेती की शुरूआत की है।

फूलों की खेती के लिए बलुआई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। इस क्षेत्र में बलुआई व दोमट मिट्टी के उपलब्ध होने के साथ-साथ उपयुक्त जलवायु भी है। इस कारण यहां फूलों की खेती की ज्यादा संभावना है। -दुर्गा शंकर मिश्रा, कृषि तकनीकी सहायक, हसनगंज

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