Former MLA Naresh Das died : तेज तर्रार कामरेड के रूप में थी पूर्व विधायक नरेश दास की पहचान
Former MLA Naresh Das died तेज तर्रार कामरेड के तौर पर राज्य में उनकी पहचान रही। उनकी बदलौत धोरैया सीपीआई का अंतिम समय तक गढ़ बना रहा।
बांका, जेएनएन। Former MLA Naresh Das died : बांका जिले के धोरैया विधानसभा सीट पर सीपीआइ की टिकट पर 1972 से लगातार पांच बार विधायक रहने वाले नरेश दास का बुधवार की शाम को निधन हो गया। वह लगभग 80 वर्ष के थे। वे पिछले कई महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। वह सीपीआइ की टिकट पर पहली बार 1972 में धोरैया विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। तब से 1995 तक वे लगातार पांच बार वहां के विधायक रहे थे।
वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में उन्हें समता पार्टी के उम्मीदवार भूदेव चौधरी ने हराकर सीपीआइ के उस किले को ध्वस्त किया था। इसके बाद 2003 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ताहिरपुर गौरा पंचायत से पंचायत समिति सदस्य पद का चुनाव जीतकर वे वहां के प्रमुख बने थे। इसके बाद उन्होंने राजद का दामन थाम लिया था और पार्टी के जिलाध्यक्ष बनाए गए थे।
धोरैया एससी सीट से पहली बार बने विधायक
तेज तर्रार कामरेड के तौर पर राज्य में उनकी पहचान रही। उनकी बदलौत धोरैया सीपीआई का अंतिम समय तक गढ़ बना रहा। 1972 में पहली बार चुने जाने के बाद 2000 तक केवल एक बार चुनाव हारे। 1985 में वे कांग्रेस के रामरूप हरिजन से हार गए थे। फिर 2000 में जदयू के भूदेव चौधरी ने उन्हें हरा कर सीपीआइ के किले को ध्वस्त किया। इसके बाद सीपीआइ अब तक इस गढ़ को जीतने का इंतजार कर रही है। संगठन में अंदरूनी विवाद के कारण उन्होंने 2009 में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव के नेतृत्व में राजद का दामन थाम लिया। इसके बाद उनके खास कर 2020 तक लगातार राजद के जिलाध्यक्ष बने रहे। 2000 में विधायकी हारने के बाद वे एक बार धेारैया के प्रमुख भी बन गए। राजद ज्वाइन करने के बाद अंतिम बार 2010 में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार जदयू के मनीष कुमार से हार गए।
उनके निधन पर बेलहर के राजद विधायक रामदेव यादव, पूर्व विधान पार्षद सह भाकपा नेता संजय कुमार, पूर्व जिला परिषद सदस्य अब्दुल जब्बार अंसारी सहित विभिन्न पार्टियों के नेताओं व गणमान्य लोगों ने गहरा शोक प्रकट किया है।