ब्रोकली और बंदगोभी के बीज से खिल रहे सरसों के फूल
आत्मा की ओर से बांटे गए बीज में पौधे किसी और का निकलना था, लेकिन निकला किसी और का। किसानों ने जब यह देखा तो हैरान परेशान हो गए। आत्मा के अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।
जमुई [अरविन्द कुमार सिंह]। कृषि विभाग की आत्मा (एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी) की ओर से किसानों को दिए गए ब्रोकली और चायनीज बंदगोभी के बीज से सरसों के फूल खिल रहे हैं। सब्जियों के बीज से तिलहन के फूल निकला देख किसान-हैरान परेशान हैं। हालांकि यह संख्या बहुतायत में नहीं है लेकिन फसल खराब होने का दर शत-प्रतिशत है।
सदर प्रखंड के नीम नवादा गांव में प्रियरंजन कुमार, सुशील कुमार योगेंद्र कुमार, रतन ठाकुर, काकन गांव में बिन्देश्वरी महतो एवं मिथिलेश महतो आदि की जानकारी 'दैनिक जागरण की टीम' खेतों का हाल देखा। प्रियरंजन की खेत में कुछ कट्ठा ब्रोकली खराब हो चुका था। ब्रोकली के कई पौधों में सरसों जैसे फूल खिले थे। बांकी में उपज ठीक थी। उसने बताया कि लगभग दो कट्ठा खेत में उसने आत्मा से प्रत्यक्षण योजना से मिले ब्रोकली का बीज लगाया। एकड़ में स्थानीय स्तर पर बीज खरीदकर रोपा। प्रत्यक्षण योजना के बीज वाले खेत में फसल खराब हो गई है। अब इन पौधों को काटकर जानवर को खिला रहे हैं। इस गांव के अन्य लोगों एवं कानन गांव लोगों ने भी ऐसी ही शिकायत की। कानन के ग्रामीणों ने चाइनीज बंदगोभी का हाल दिखाया। संयोग से बंदगोभी की खेत में सरसों की भी खेती की गई थी। कुछ फीट की दूरी से तय करना मुश्किल था कि कौन फूल बंदगोभी का और कौन सरसों का। हां नजदीक जाकर जड़ देखने पर दोनों पौधों में अंतर किया जा सका।
बयानों में विरोधाभास
आत्मा के निदेशक आनंद विक्रम सिंह ने कहा कि ब्रोकली और चायनीज बंदगोभी की फसल में सरसों के फूल खिलने की जानकारी उन्हें नहीं है। वैसे कुछ किसानों को ब्रुसेल्स स्प्राउट्स का बीज दिया गया था। संभवत उसी को किसान जानकारी के अभाव में फसल खराब होना बता रहे हों। पर जब शिकायत है तो मामले की तहकीकात स्वयं करूंगा। दूसरी ओर अनौपचारिक बातचीत में आत्मा के कर्मी सिकंदर वाजपेयी ने फसल की शिकायत मिलने की बात स्वीकार की। उन्होंने कहा की मौसम अनुकूल नहीं रहने के कारण चाइनीज बंदगोभी और ब्रोकली फुलहर गया है। वैसे बीज आपूर्तिकर्ता से इसकी शिकायत की गई है।