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खुद क‍ी सुरक्षा को लाए मुंगेरिया हथियार ने ही ले ली डब्लू की जान

बरारी थाना क्षेत्र के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित आवास पर प्रापर्टी डीलर डब्लू यादव की अपराधियों ने गोली मार हत्या कर दी थी। सोमवार की देर रात एक बजे मुंह में पिस्तौल घुसा कर गोली म

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 04:38 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 04:38 PM (IST)
खुद क‍ी सुरक्षा को लाए मुंगेरिया हथियार ने ही ले ली डब्लू की जान

भागलपुर, जेएनएन। मुंगेर से 15 साल पूर्व भागलपुर में अस्थायी डेरा बनाने वाले डब्लू की जान उसी मुंगेरिया हथियार ने ले ली जिसे उसने धंधे की सुरक्षा में बांट रखे थे। स्थानीय लोग कहते हैं कि अपने जायज-नाजायज धंधे की सुरक्षा में उसने मुंगेरिया हथियार मंगा रखे थे। मुसहरी में चल रहे देसी शराब के नाजायज धंधे में स्थानीय बदमाशों की दखल अक्सर हुआ करती थी। एक-दूसरे को देख लेने, गोली चला देने। रंगदारी के रूप में कुछ रकम देने का उसपर अक्सर दवाब बनाया जाता था। स्थानीय बदमाशों के उस दवाब को रोकने के लिए डब्लू ने भी कुछ स्वजातीय युवकों को अपने पाले में कर रखा था। कुछ लड़के ससुराली क्षेत्र सबौर के चंदेरी इलाके से भी बुला रखे थे। जैसा की स्थानीय लोग कहते हैं कि अपनी सुरक्षा के लिए ऐसे युवकों को मुंगेरिया तमंचे और पिस्टल उसने मुहैया करा रखे थे। देसी दारू बनाने के लिए छइया गुड़ आदि का इंतजाम भी इन्हीं युवकों की मदद से होता था। नोटबंदी के बाद से प्लाटिंग का धंधा मंदा पड़ चुका था इसलिए डब्लू लोदीपुर, गोराडीह, सरमसपुर कोहड़ा, जिच्छो और नाथनगर क्षेत्र की गतिविधियां समेट रखा था। पहले प्लाटिंग के लिए घंटों ग्रामीण क्षेत्र में लगे रहने के कारण स्थानीय स्वजातीय लड़कों की भी कमाई हो जा रही थी। जिससे धंधे में सबकुछ सामान्य था। देर शाम से मांस और मदिरा की पार्टी में सब बैठते थे। लोग बताते हैं कि बीते दो सालों से डब्लू सारा ध्यान देसी दारू के धंधे में केंद्रित कर रखा था। प्रतिबंध के बाद अंग्रेजी शराब चोरी-छिपे लेकिन काफी मंहगी मिलती थी जिसकी जुगाड़ नशेड़ी  नहीं कर पा रहे थे। मुसहरी में चल रहे देसी शराब के धंधे से डब्लू की कमाई अच्छी-खासी हो रही थी। जबकि उसके करीबी लोगों के हाथ खाली होने लगे। बस पार्टी में खाना-पीना ही उनके नसीब था। डब्लू के करीबी अंदर ही अंदर उससे कुपित होने लगे थे। शराब पार्टी में नशा चढऩे के बाद हाल के दिनों में उनका गुस्सा बाहर आने लगा। एक दिन ऐसा भी आया कि उनकी आपसी तनातनी ही हत्या का कारण बन गई। पत्नी उषा ने जिस कैलाश, भूषण, राजू और दिलीप को नामजद बनाया है, सबके सब स्थानीय हैं। इनमें पालीटेक्निक कॉलेज में सुरक्षा प्रहरी का काम करने वाले बरारी थाना क्षेत्र के खंजरपुर निवासी कैलाश यादव को भी नामजद किया है।

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दिलीप के घर देर रात छापेमारी

बरारी पुलिस मंगलवार की देर रात दिलीप के हाउसिंग बोर्ड स्थित आवास पर छापेमारी की। वहां पुलिस को कुछ हाथ ना लगा तो आरएचएमटी हाइ स्कूल के पिछवाड़े मौजूद झोपड़ी और खाली पड़े छात्रावास में भी उसकी तलाश की गई। फिलहाल पुलिस को कोई सफलता नहीं मिल सकी है।


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