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मुंगेर, ब‍िहार पंचायत चुनाव 2021: 'धनिया' के मोबाइल पर परदेशी 'पिया' भेज रहे गांव लौटने के संदेश

मुंगेर ब‍िहार पंचायत चुनाव 2021 चुनाव को लेकर हर ओर सरगर्मी है। हर जगह लोग आपस में चर्चा कर रहे हैं। मुंगेर केे परदेशी अपनी पत्‍नी को फोन पर लगातार संदेश दे रहे हैं क‍ि चुनाव में भाग लेने वे घर आ रहे हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 11:56 AM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 11:56 AM (IST)
मुंगेर, ब‍िहार पंचायत चुनाव 2021: 'धनिया' के मोबाइल पर परदेशी 'पिया' भेज रहे गांव लौटने के संदेश
महिला चौपाल में भी हंसी-ठिठोली के साथ हो रही चुनाव की चर्चा।

हेमजापुर (मुंगेर) [त्रिभुवन चौधरी]। हैलो... सुनैय छो...पंचायत चुनाव कैय तारीख कऽ होतय...बतैभो तऽ गांव चैल अइबै...(हेलो...सुनती हो पंचायत चुनाव कितने तारीख को है, कहोगी तो गांव चले आएगें) दरअसल परदेश में रहनेवाले पिया जी गांव में रहनेवाली अपनी धनिया (पत्नि) से रोज इसी अंदाज में मोबाइल पर बातें कर रहे हैं। गांव की हाल-चाल पूछ चुनाव की तिथि जरूर पूछ ले रहे हैं, ताकि गांव आकर परदेशी अपना वोट डाल सके। पंचायती चुनाव को ले इस तरह की बातें और हंसी-ठिठोली करती हुई एक महिला दूसरे महिला को चौपाल में सुनाती नजर आ रही है। हर संध्या घरों के दरवाजे के पास महिला चौपाल भी लगने लगी है।

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चौपाल में आटा, सत्तू, साड़ी, चूड़ी-लहठी के भाव के साथ चुनाव की भी चर्चा हो रही है। बीच-बीच में सामहिक ठहाकें भी लग रहे है। इसी चौपाल से आयी ठहाकें की आवाज सुन पानी लाने जा रही राधिका बहन भी चौपाल में बैठ अपना घूंघट सर के उपर तक खींचती हुई बोली- रात में रंजन के पापा फोन करिके चुनाव के तारीख पूछै लागल छलैय। कही देलिये...अगला माह चुनाव छै...पहिले से टिकट कटाय लियौक...।

चुनाव आरू बड़का परब (छठ) भी नजदीके छै...इतना कह वो जल्दी से उठी और पानी लाने चली गई। आधी आबादी को भी पंचायत चुनाव की चर्चा करते देख वहां खड़े कुछ पुरूषों को भी आश्चर्य लग रहा था। पास खड़े 68 वर्षीय दीनू काका से नहीं रहा गया। लडख़ड़ाती आवाज में बोले-चुनाव से घर के औरत कऽ कोय मतलब नैय रखैय के चाही। ओकरा चूल्हा-चौका से फुरसत कहां छै...यह सुनते ही चंपा दीदी का चेहरा गुस्से से तमतमा गया। बोली-काहे चुनाव से मतलब नैय रहतै...। अपना गांव के बढिया सरकार चुनबै तऽ गांव-कस्बा के विकास होतैय बाबूजी...। देखो न...जीविका से महिला में केतना जागरूकता भेल छै...। गांव की प्रधानी अच्छा रखबै तऽ गांव के अच्छा से विकास होतैय...। पुरनका प्रतिनिधि बढिय़ा काम कैर रहलै तऽ दोसर नैय चुनबै...। चंपा दीदी की बात सुन एक बार फिर से महिलाओं की सामूहिक हंसी से चौपाल गूंज उठा।


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