Muharram 2021 in Bhagalpur: शाहजंगी मैदान में इमामबाड़ा के फूल का पहलाम, उमड़ा जनसैलाब
Muharram 2021 in Bhagalpur भागलपुर में मुहर्रम को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। हालांकि शाहजंगी मजार पर काफी तादात में पहलाम देखने के लिए लोग जुटे थे इस दौरान भीड़ नियंत्रित करने में पुलिस को काफी परेशानी हुई।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शाहजंगी मैदान में शुक्रवार को पहलाम के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। कोविड-19 नियमों का पालन करा पाने में पुलिस प्रशासन की टीम जद्दोजहद करती रही। पाबंदी के बाद भी लोगों का हुजूम मैदान से सड़कों तक व शाहजंगी मजार स्थित तालाब तक पट गया। इस मार्ग पर पैर रखने तक की जगह नहीं बची। लोगों ने शारीरिक दूरी तो दूर मास्क भी पहनना उचित नहीं समझा।
शहरी क्षेत्र के अलावा नाथनगर, जगदीशपुर, सबौर व गोराडीह समेत विभिन्न इमामबाड़ों से लोग पहलाम के लिए शाहजंगी पहुंचे। इस बार अखाड़ा के साथ निशान व ताजिया जुलूस निकालने पर पाबंदी थी। इमामबाड़ा से दर्जनों लोग जत्थे में शामिल होकर फूल के साथ पहुंचे और पहलाम किया। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा। तालाब के आसपास खानपान की दुकानें लगी थीं। इस दौरान काफी संख्या में महिलाएं और बच्चे ने जमकर लजीज व्यंजनों का आनंद उठाया।
इधर, मुहर्रम की सातवीं को कोतवाली इमामबाड़ा में अपनी मन्नतें पूरी करने को एक हजार से अधिक लोग पैकर बने थे। जिन्होंने तीन दिनों के बाद शुक्रवार को मुहर्रम की दसवीं को पहलाम किया।
इससे पूर्व दोपहर 2.35 बजे कोतवाली चौक से फूल और पंजा लेकर पैकर पहलाम के लिए निकले। कोतवाली से तातारपुर होते हुए ताजिया जुलूस व पैकरों द्वारा शाहजंगी में पहलाम किया गया।
लाल खां चौक, वाजिद अली लेन, जब्बारचक मोड़ पर शिविर के माध्यम से नियंत्रण किया गया। मुहर्रम के 10वें दिन सुबह में अखाड़ा नहीं निकाला गया। इसके लिए जिला प्रशासन व सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के अधिकारियों ने सख्त निर्देश दिए थे।
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शुक्रवार की सुबह हुआ पहलाम
मुहर्रम के नौवें दिन गुरुवार को सुबह पांच बजे से दोपहर एक बजे तक विभिन्न क्षेत्रों से लोग किलाघाट स्थित इमामबाड़ा पहुंचे। और यहीं से फिर वापस चले गए। इसी दिन रात्रि में 1.35 बजे में मौलानाचक से फूल लेकर पैकर कोतवाली चौक स्थित इमामबाड़ा पहुंचे। यहां सभी पैकर एकत्रित होकर 2.35 बजे किलाघाट के लिए रवाना हो गए। किलाघाट से 3.35 बजे रिकाबगंज, डिग्री कॉलेज, मुस्लिम हाइ स्कूल, समपार पार करते हुए शाहजंगी मैदान के लिए रवाना हुए। पैकरों ने फूल को शाहजंगी तालाब में ठंडा किया।
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शिया समुदाय का आज होगा पहलाम
शुक्रवार को असानंदपुर इमामबाड़ा में शिया समुदाय का मातम चलता रहा। दिन भर बड़े इमामबाड़े और अन्य इमामबाड़ा में मजलिस का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने अलग-अलग तरीके से महबूब, अली हसन, अनवर के इमामबाड़े में मातम का प्रदर्शन किया। शनिवार को बड़ा इमामबाड़ा में पहलाम के लिए दोपहर बाद निकलेगा। जिला शिया वक्फ कमेटी के सचिव सैयद जीजाह हुसैन ने बताया कि पांच लोगों के साथ शाहजंगी मैदान में पहलाम होगा। शिया के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश-विदेश से शिया समुदाय के लोग पहुंचे हैं।
कमेटी ने कहा-सरकार के गाइडलाइन का हुआ पालन
सरकार द्वारा सभी धार्मिक स्थल और सार्वजनिक जुलूस पर 24 अगस्त तक कोविड-19 को देखते हुए पाबंदी लगा दी गई है। इसके कारण मोहर्रम के सभी अखाड़ों को बंद करने की सेंटर मोहर्रम कमेटी ने गुजारिश की थी। लगभग 110 अखाड़े लाइसेंस लेते थे और शहरी क्षेत्र में आते थे। इस बार अखाड़े नहीं निकाले गए। जहां तक पैकरों का सवाल है, तो यह व्यक्तिगत है। यह कोई सामूहिक नहीं होता है। लेकिन, जब कई व्यक्तिगत लोग जमा हो जाते हैं तो ज्यादा लगने लगता है। पैकरों द्वारा रात में भी जो फूल लेकर निकले उसमें कोविड-19 नियम का पालन किया गया।
शुक्रवार की दोपहर भी व्यक्तिगत तौर पर ताजिया निकाला गया। इसमें नियम का उल्लंघन नहीं हुआ। सेंटर मोहर्रम कमेटी ने अखाड़े के खलीफा का शुक्रिया अदा किया है। कहा कि नियम का अच्छे तरीके से पालन किया गया। कहीं भी मनमानी नहीं की गई। सेंट्रल मोहर्रम कमेटी भरसक कोशिश कर रही है कि छोटे-छोटे संगठनों का रजिस्ट्रेशन हो। मोहर्रम कमेटी के सभी सदस्य मुस्तैदी से कोतवाली बड़ी इमामबाड़ा पर डटे रहे।
इस मौके पर संयोजक डा. फारूक अली, मजहर अख्तर शकील, प्रोफेसर सलाउद्दीन हसन, वर्दी खान, प्रोफेसर रोज अली, भोला खान, मो. तकी अहमद जावेद, महबूबा आलम, ङ्क्षमटू, कलाकार, जियाउल हक, निजात अंसारी, जुम्मन अंसारी, अली समेत कई सदस्य मौजूद थे।