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हे मां! मुझे फेंकना ही था तो जन्‍म क्‍यों दिया... रेलवे पटरी पर रात पर सिसकती रही यह बच्‍ची

सरकार की लाख कोशिश के बाद भी निजी नर्सिंग होम एवं निजी क्‍लीनिकों में भ्रूण हत्‍या भ्रूण की जांच चोरी छिपे हो रहा है। नवजात बच्‍ची के जन्‍म लेने पर भी उसे ठिकाने लगाने का नतीजा है कि नाथनगर क्षेत्र में नवजात फेंके मिल रहे हैं।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 10:12 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 06:28 AM (IST)
हे मां! मुझे फेंकना ही था तो जन्‍म क्‍यों दिया... रेलवे पटरी पर रात पर सिसकती रही यह बच्‍ची
अनाथालय के समन्वयक ने अस्पताल में कराया भर्ती

जागरण संवाददाता, भागलपुर। मंगलवार को मानवता उस समय शर्मशार हो गई जब एक मां ने नवजात बच्‍ची को जन्‍म देकर रेल पटरी पर फेंक दिया। वह नवजात बच्‍ची पुरानी सराय स्तिथ रेल पटरी पर पॉलिथीन में लिपटी किसी मसीहे की तलाश कर रही थी। भगवान का शुक्र था कि आसपास के लोगों की उस नवजात पर नजर पड़ गई। फ‍िर क्‍या था पटरी पर एक नवजात बच्‍ची मिलने की खबर नाथनगर में जंगल की आग की तरह फैल गई।

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देखने के लिए उमड़ी लोगों की भीड़

देखते ही देखने पुरानी सराय रेल पटरी पर लोगों की अच्‍छी खासी भीड़ लग गई। सिसकती नवजात बच्‍ची पर जिस किसी की भी नजर पड़ रही थी उनके रूह कांप जा रही थी। वहां जुटे लोगों ने इसकी सूचना अनाथालय को दी।सूचना पर पहुंची अनाथालय की टीम ने नवजात बच्ची को बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है। यूं कहे कि लोगों के प्रयास से उक्‍त नवजात को ममता की छांव मिल गई। अनाथालय में समन्वयक के पद पर कार्यरत अनु श्री ने बताया कि बच्ची प्रीमेच्योरड थी। जिसका इलाज जेएलएनएमसीएच में चल रहा है। ठीक होने के बाद उसे अनाथालय लाया जाएगा। अस्‍पताल में नवजात पर नजर रखी जा रही है।

एसएस बालिका स्‍कूल में भी मिला था एक नवजात

वहीं एक माह पहले भी एसएस बालिका उच्च विद्यालय में भी एक नवजात फेंका मिला था, लेकिन जिंदा रहते हुए उस पर किसी की नजर नहीं पड़ी थी। नतीजतन उसे कुत्ते ने नोचकर खा लिया था और उसकी इहलीला वहीं समाप्‍त हो गई थी।

सरकार पीट रही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का ढोल

एक तरफ जहां सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का ढिंढोरा पीट रही है। वहीं दूसरी तरफ निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में कलयुगी मां मासूम को जन्म देकर उसे ठिकाने लगाने में लगी है। इस ओर ना तो समाज के लोगों का ध्यान है ना प्रशासन की सक्रियता। आखिर ये कलयुगी मां समाज के किस संवेदनहीन लोगों की मदद से मानवता को शर्मशार कर देने वाली ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रही है। यह समाज के लोगों के लिए चिंतन का विषय बन गया है। आए दिन इस तरह के मासूम नवजात को फेके जाने की घटनाओं ने नाथनगर को आत्‍मचिंतन करने को मजबूर कर दिया है।


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