मुस्तफा के खाते में भेजी गई थी मोटी रकम, हवाला के जरिये रेलवे ई-टिकट का काला खेल Bhagalpur News
2018 से 2019 तक भागलपुर से मुस्तफा के बैंक खाते में लाखों की रकम भेजी गई थी। हालांकि आरपीएफ अब जुनैद राज और इमरान के खातों के बारे में जानकारी के लिए बैंकों को लिखा है।
भागलपुर [रजनीश]। हवाला के जरिये ई-टिकट का पैसा आतंकियों तक पहुंचाने वाले गुलाम मुस्तफा का भागलपुर से संबंध और गहरा होता जा रहा हैं। आरपीएफ को इस मामले में कई और जानकारियों मिली हैं। 2018 से 2019 तक भागलपुर से मुस्तफा के बैंक खाते में लाखों की रकम भेजी गई थी। हालांकि आरपीएफ अब जुनैद राज और इमरान के खातों के बारे में जानकारी के लिए बैंकों को लिखा है। साथ यह भी पता लगा रही है कि किस-किस नाम से खाते आपॅरेट हो रहे थे। इस जांच के बाद ही पूरे सीन से पर्दा हटेगा। इस मामले में बेंगलुरु आरपीएफ से भी मदद ली जा रही है।
आरपीएफ का मानना है कि इस धंधे में कई और नए नाम उजागर होने की संभावना है। भागलपुर में सक्रिय एजेंट जुनैद और इमरान का दुबई में बैठे हामिद अशरफ से सीधा संपर्क नहीं था। इसलिए अवैध रूप से काटे गए ई-टिकट से आए पैसे ये लोग मुस्तफा के खाते में भेजते थे। मुस्तफा इसे आगे बढ़ाता था। आरपीएफ का मानना है कि इस मामले में कई और सुराग मिले हैं। सभी बिंदुओं पर गुप्त तरीके से कार्रवाई चल रही है।
जुनैद और इमरान को लिया गया रिमांड पर
अवैध रूप से ई-टिकट का पैसा हवाला के जरिये भेजने वाले मुस्तफा के दोनों साथी जुनैद राज और इमरान को आरपीएफ ने शुक्रवार को रिमांड पर लिया है। आरपीएफ दोनों से आतंकी टिकट फंडिंग मामले में पूछताछ कर रही है। पूछताछ के क्रम में कई अहम जानकारियां मिली हैं। अवैध रूप से रेल ई-टिकट के धंधे में और कौन-कौन लोग सक्रिय हैं, इसके बारे में दोनों ने बताया है। हालांकि अभी आरपीएफ कुछ बताने से इन्कार कर रही है।
सीमांचल और कोसी इलाके पर थी नजर
भागलपुर में अपने एजेंटों को खड़ा करने के बाद मुस्तफा की नजर सीमांचल और कोसी के इलाकों पर थी। इसके लिए सारी तैयारियां भी हो गई थी। इन इलाकों के लोगों से संपर्क भी हो गया था। मुस्तफा के भागलपुर आने के बाद कोसी और सीमांचल में ई-टिकट का अवैध धंधा पसारने के लिए लोगों को जोडऩे की तैयारी थी।
भागलपुर से भागा मतलूब आलम
भागलपुर के ततारपुर रेकाबगंज निवासी मतलूब आलम शहर से फरार है। वारंट निर्गत होने के बाद इसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार छापेमारी की गई है। आरपीएफ को अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। सूत्रों की मानें तो मतलूब राज्य से बाहर जाकर छिपा हुआ है।