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Mohammad Shahabuddin Death: भागलपुर जेल से निकलते ही शहाबुद्दीन ने कहा था लालू हमारे नेता, नीतीश तो परिस्थितियों के CM

Mohammad Shahabuddin Death पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का एक मई 2021 को दिल्‍ली में इलाज के दौरान निधन हो गया। मोहम्‍मद शहाबुद्दीन भागलपुर जेल में भी कई वर्षों तक बंद रहे। उन्‍होंने यहां नतीश को परिस्थितियों के CM कहा था। कहा कि - लालू उनके नेता हैं राजद उनकी पार्टी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 06:10 AM (IST)
Mohammad Shahabuddin Death: भागलपुर जेल से निकलते ही शहाबुद्दीन ने कहा था लालू हमारे नेता, नीतीश तो परिस्थितियों के CM
पूर्व सांसद शाहबुद्दीन ने भागलपुर में कहा था-लालू हमारे नेता, नतीश परिस्थितियों के मुख्‍यमंत्री।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। Mohammad Shahabuddin Death: कभी सूबे की राजनीति में मजबूत दखल देने वाले मुहम्मद शहाबुद्दीन जब सत्ता में बदलाव हुआ और जेल जाना पड़ा, लेकिन तब भी उनके राजनीतिक रसूख में कमी नहीं आई। चुनाव में जिलों में वोटों की जुगाड़ और छोटे-बड़े सदन में पहुंचने के लिए शहाबुद्दीन की चौखट पर मत्था टेकने जाया करते थे। 2004 में भागलपुर में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ अली अशरफ फातमी तमाम प्रोटोकॉल तोड़ते हुए जेल में उनसे मिलने गए थे। तब चुनाव का समय था। काले रंग की एंडेवर गाड़ी तब एक सांसद ने फातमी को उपलब्ध कराया था। उस गाड़ी में एक टेलिस्कोपिक राइफल की तस्वीर उस समय मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थी।

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2016 में यहां शहाबुद्दीन के अंतिम बंदी जीवन में भी एक दर्जन विधायक, सांसद, पूर्व मंत्री, विधान पार्षद, जिला परिषद अध्यक्ष, व्यवसायी आदि पहुंचे थे। कितनों को विधानसभा चुनाव में जेल में रहते संदेशा भेज मदद कराया था। उनका रसूख केवल बाहुबल की कुख्याति नहीं बटोर रखा था। शिक्षा जगत में भी किसी के दाखिले की बात हो, मुफलिसी के मारों को दूसरे राज्यों मसलन उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, मुंबई में भी वह मददगार साबित हुआ करते थे। उनका प्रभाव ही था कि इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज से जुड़े शिक्षाविद और कई दूसरे राज्यों के व्यवसायी भी उनसे मिलने जेल की चौखट तक आते थे। वो किसी न किसी रूप में शहाबुद्दीन से मिले मदद के कायल थे।

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वर्ष 2016 में भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा से जमानत पर मुक्त हो निकलते ही पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने कहा था अदालत ने हमें जमानत दी, मैं घर जा रहा हूं। हमारे तो एक ही नेता हैं लालू प्रसाद। नीतीश कुमार हमारे नेता नहीं हो सकते। वे परिस्थियों के मुख्यमंत्री हैं। हमारे नेता लालू जी ने अधिक सीट होते हुए भी उन्हें मुख्यमंत्री का ताज पहनाया। उस समय बिहार में जदयू, राजद और कांग्रेस गठबंधन की सरकार थी। शहाबुद्दीन ने उस समय कहा था कि उनके नेता सिर्फ लालू प्रसाद यादव हैं और उनकी पार्टी राजद है।

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जेल गेट से निकलते ही तब मुहम्मद ऐन, शहरू आदि ने उन्हें घेर लिया था, लेकिन उनकी नजर अपने सबसे पुराने सहयोगी और विश्वस्त चालक सुमन से मिली। तब सुमन के आंख भर आए थे। वह कोलकाता से पजेरो लेकर उनके लिए आया था। शहाबुद्दीन ने सुमन से तब कहा था। का हो सुमन, अब काहे रोव तारा। हमनी सब अब सथवे रहे के नू। फिर चंद मिनटों की मीडिया वालों से बात और हाथ हिला समर्थकों के काफिले को इशारा दिया कि अब आगे बढि़या। जेल से निकलने के समय कई जनप्रतिनिधि भी वहां मौजूद थे।

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