कोसी के प्रवासी श्रमिक राज्यभर में बिखेरेंगे मशाले की खुशबू, जानिए... कैसे
प्रवासी मजदूरों के कौशल विकास का बेहतर उपयोग कर रोजगार बढ़ाने की दिशा में जिला प्रशासन ने अपनी कवायद तेज कर दी है। इसी कड़ी में औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना के तहत देव इंडस्ट्रीज समूह को मशाला तैयार करने के लिए दस लाख रुपये की सहायता दी है।
सहरसा [कुंदन कुमार] । कोविड- 19 के दौरान देशभर से वापस आए प्रवासी मजदूरों को जिला प्रशासन कौशल के अनुसार औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना से आच्छादित कर रहा है। इस योजना के तहत कहरा प्रखंड के पटुआहा में देव इंडस्ट्रीज समूह को मशाला तैयार करने के लिए दस लाख रुपये की सहायता दी है। इस समूह में देश के विभिन्न भागों में मशाला तैयार करनेवाले कुशल श्रमिक शामिल हैं। इनलोगों द्वारा बेहतर किस्म का मशाला तैयार कर स्थानीय स्तर पर तो बिक्री की ही जाएगी। साथ ही इसे राज्य के अन्य बाजार में भेजा जाएगा। इसकी तैयारी अंतिम चरण में है।
मिलावटी मशाले से लोगों को मिलेगी मुक्ति
मिलावटी मशाले से लगातार लोगों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। स्थानीय स्तर पर प्रवासियों द्वारा तैयार किए गए मशाला में जिला प्रशासन द्वारा भी गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाएगा। अन्य मशालों के बजाय इसे स्थानीय बाजार में अधिकाधिक फैलाने का प्रयास किया जाएगा। ताकि लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर नहीं पड़े और प्रवासियों का मसाला व्यवसाय भी सही तरीके से चलेगा। इसकी पैकेङ्क्षजग व मार्केङ्क्षटग के काम में भी सैकड़ों लोगों को रोजी मिल सकेगी।
दियारा विकास योजना को भी मिलेगा बल
कोसी क्षेत्र में बाढ़ का पानी उतरने के बाद खाली जमीन पर कृषि विभाग ने दियारा विकास योजना के तहत दलहन और तिलहन की खेती प्रारंभ कराया गया। स्थानीय स्तर पर मशाला की मांग बढऩे से दियारा विकास योजना से मिर्च, तेजपात, हल्दी, धनिया, सरसों आदि की भी बड़े पैमाने पर खेती की जाए। दोनों योजना के समन्वय से बड़ी संख्या में लोगों को काम मिलेगा और इससे इलाके का भी विकास होगा।
क्या कहते हैं उद्योग विभाग के महाप्रबंधक
महाप्रबंधक प्रकाश चौधरी ने कहा कि जिला औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना से मशाला इकाई का कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। इससे जहां प्रवासियों को स्थानीय स्तर पर बेहतर रोजगार प्राप्त होगा, वहीं इलाके की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।