औषधीय गुणों से भरपूर है मेंथा, एक लीटर तेल की कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान, खगड़िया में खेती के लिए मिलेगा अनुदान
पिपरमेंट यानी कि मेंथा की खेती किसानों की खुशहाली के लिए सिद्धकारी साबित होती जा रही है। इसके एक लीटर तेल की कीमत इतनी है कि किसान समृद्ध हो सकते हैं। खगड़िया जिले में खेती के साथ-साथ तेल निकालने के सयंत्र के लिए भी अनुदान दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, खगड़िया: औषधीय गुणों से भरपूर मेंथा की खेती को अब और बढ़ावा मिल सकेगा। जिले में एक हजार से अधिक किसान चार से पांच सौ हेक्टेयर में मेंथा (पिपरमेंट) की खेती कर रहे हैं। यहां दो दर्जन से अधिक जगहों पर मेंथा से अर्क मतलब तेल निकालने का प्लांट भी लगा है। अब मेंथा की खेती पर सरकारी योजना का लाभ पाकर किसान समृद्ध हो सकेंगे। सरकारी योजना अनुसार मेंथा की खेती के लिए किसानों को 50 प्रतिशत तक का अनुदान मिल सकेगा।
इतना ही नहीं मेंथा से तेल निकालने के लिए संयंत्र लगाने में भी अनुदान का लाभ मिलेगा। जिससे किसानों को खेती में लागत कम होने के साथ अधिक आय हो सकेगा। जिले में बीते एक दशक से मेंथा की खेती यहां के समृद्ध किसान करते आ रहे हैं। कई किसान खेती के साथ प्लांट लगाकर अर्क निकालकर अधिक आय कर रहे हैं।
मेंथा खेती के फायदे
मेंथा की एक हेक्टेयर खेती में 40 हजार के करीब की लागत किसानों को लगती है। जिससे किसानों को एक साल में ढाई से तीन लाख तक की कम से कम आय हो जाती है। अब सरकारी स्तर पर मेंथा खेती में 50 प्रतिशत अनुदान मिलने से किसानों को एक हेक्टेयर में मात्र 20 हजार लगेंगे। जिससे उन्हें फायदा होग।
फरवरी में होती है मेंथा की बुआई
मेंथा की बुआई फरवरी में होती है। एकबार की बुआई में तीन - तीन माह पर तीन बार मेंथा काटी जा सकती है। तीन माह में मेेंथा काटने लायक हो जाती है। पहली कटाई के बाद दूसरी व तीसरी कटाई में कम मेंथा निकलता है। इसलिए कई किसान एक खेती के बाद दोबारा बुआई भी कर देते हैं। एक हेक्टेयर की मेंथा खेती में एकबार की कटाई में मेंथा के पत्तियों से 100 से 110 लीटर तक अर्क निकलता है।
मेथा अर्क: दवा सहित पिपरमेंट आदि में होता है उपयोग
मेंथा के अर्क का उपयोग पिपरमेंट, विभिन्न दवा आदि बनाने में होता है। इसका अर्क 1300 से 1600 रुपये प्रति लीटर की दर से बाजार में बिकता है।
'मेंथा की खेती फायदेमंद है। मेंथा का अर्क जिसेे तेल भी कहा जाता है, यह 13 सौ से 15 सौ रुपये प्रति लीटर की दर से बिकता है। एक हेक्टेयर की खेती में 40 हजार की लागत है। जिसमें 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। ऐसे में किसान की लागत 20 हजार हो जाती है। जबकि कमाई कम से कम ढाई से तीन लाख तक होती है। इसकी खेती काफी फायदेमंद है। किसान योजना के तहत खेती कर अधिक आय कर सकेंगे।'- मु. जावेद, उद्यान पदाधिकारी, खगड़िया।