कृषि बिल के खिलाफ धरना प्रदर्शन पर उतरे महागठबंधन के नेता, डीएम को सौंपा ज्ञापन
केंद्र सरकार का काला कानून कृषि बिल के खिलाफ सोमवार को महागठबंधन के नेता किसानों के समर्थन में धरना प्रदर्शन पर उतरे। नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार खेतीबारी सहित अन्य सरकारी विभागों को कॉरपोरेट जगत को सौंपना चाहती है। यह मनमानी नहीं चलेगी।
बांका, जेएनएन। केंद्र सरकार के कृषि बिल के खिलाफ महागठबंधन के नेताओं ने समाहरणालय के समक्ष जोरदार धरना प्रदर्शन किया। नेताओं ने धरना के दौरान कहा कि केंद्र की एडीए सरकार किसान विरोधी है। पहले उन्होंने अन्नदाताओं की आमदनी दोगुनी करने का सब्जबाग दिखाया, अब वे तीन तीन कृषि बिल लाकर उनके हक को छिनने का काम कर रहे हैं। सरकारी व्यवस्थाओं को कॉरपोरेट के हाथ सौंपना चाह रहे हैं। केंद्र सरकार की यह मनमानी और तानाशाही रवैया अब नहीं चलेगी। इस दौरान मांगों से संबंधित ज्ञापन एक शिष्टमंडल द्वारा डीएम को सौंपा गया। धरना में शामिल धोरैया विधायक भूदेव चौधरी, पूर्व विधायक रामदेव यादव, कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी जितेंद्र सिंह, पूर्व विधान पार्षद संजय यादव सहित अन्य नेता शामिल हुए।
किसान विरोधी बिल को वापस ले सरकार
सभी ने कृषि बिल को किसान विरोधी बताया। साथ ही इसे वापस लेने की मांग की नेताओं ने की। कहा कि कृषि बिल किसानों के लिए काला कानून है। किसान अपने उत्पाद का मूल्य तय नहीं कर पा रहे हैं ।यह बिल वापस नहीं लेने पर हमारे अन्नदाताओं की हकमारी होगी। इसे हमलोग कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। महागठबंधन किसानों के समर्थन में अपना आंदोलन और तेज करेगा। हम अपने अन्नदाताओं की हकमारी कभी नहीं होने देंगे। इसके हमारा गठबंधन गांव- गांव का दौरा करेगा। किसानों को अपने हक के लिए जागरूक करेगा।
कृषि के काले कानून से घर घर जाकर किसानों को कराएंगे अवगत
उन्हें केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों बिलों के दुष्परिणामों की जानकारी देगा। ताकि वे इस काले कानून को भली भांति समझ पाएं और अपने हक के लिए कमर कस कर लड़ाई लड़ पाएं। महागठबंधन के नेताओं ने कहा अभी अभी तो यह आंदोलन एक झ्लक है पूरी सिनेमा अभी बांकी है। इस आंदोलन को राज्य के हर गांवों के किसानों तक पहुंचाएंगे जब तक हमारे अन्नदाताओं की मांगे पूरी नहीं होगी काला कानून को वापस नहीं लिया जाएगा हमारी केंद्र सरकार से आरपार की लड़ाई जारी रहेगा। मौके पर राजद ,कांग्रेस, कम्युनिस्ट के कई नेता शामिल हुए।