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अररिया: अब सात फेरों पर भी पड़ा कोरोना के कहर का असर, शादी-ब्‍याह की तारीखें टलने लगीं

कोरोना संक्रमण का असर शादी ब्‍याह पर भी पड़ने लगा है। लोग या तो शादी ब्‍याह की तारीखें कैंसिल कर रहे हैं या फ‍िर आगे टाल रहे हैं। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में शादी व अन्‍य समारोह के मौके पर...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Fri, 07 Jan 2022 06:55 AM (IST)Updated: Fri, 07 Jan 2022 06:55 AM (IST)
अररिया: अब सात फेरों पर भी पड़ा कोरोना के कहर का असर, शादी-ब्‍याह की तारीखें टलने लगीं
कोरोना संक्रमण का असर शादी ब्‍याह पर भी पड़ने लगा है।

जोकीहाट, (अररिया) [ज्योतिष झा]। एक बार फिर से कोरोना की तीसरी लहर की आहट ने सरकार से लेकर आम लोगों को चिंतित कर दिया है। शहर से लेकर गांव तक के लोगों को रोजगार, बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ व बेटे बेटियों की तय शादी में कोरोना संक्रमण के बाधा पहुंचाने का डर सताने लगा है। सरकार ने गाइडलाइन भी जारी कर दी है कि वैवाहिक समारोह सहित किसी भी भोज में 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते।

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इस कारण बेटे बेटियों के माता-पिता बड़े ही अरमान से उत्सव को मनाने की तैयारी को दिल में ही दफनाने की सोचने लगे हैं क्योंकि शादी, विवाह, उपनयन, मृत्यु भोज में लोगों का साधारणतः जमावड़ा लग ही जाता है। जिससे कोरोना के संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। बिहार सरकार ने सख्त गाइडलाइन जारी कर शादी समारोह में विवाह सहित किसी भी कार्यक्रम पर शर्तों के साथ आयोजन का निर्देश जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को दे दिया है। नगर पंचायत जोकीहाट के समाजसेवी जयप्रकाश भगत ने बताया कि उनके पोते-पोती के अन्नप्रासन का भव्य आयोजन 17 जनवरी को होना निश्चित है।

इस अवसर पर दूर दराज में रहने वाले संबंधियों और गणमान्य लोगों को आमंत्रित करना भी शुरू कर दिया था। लेकिन अचानक कोरोना केस की बढ़ोतरी और सरकारी गाइडलाइन के कारण वे चिंतिंत हैं। उनके सारे अरमान धरे रह गए। उन्होंने कहा कि अब तो जान है तो जहान है। खड़मास खत्म होते ही बेटे बेटियों की शादी के अवसर पर माता पिता सहित घरवालों के मन में उत्साह हिलोरे मार रहे थे। दूर दराज में रहने वाले सगे संबंधी भी पहले ही फ्लाइट व ट्रेन टिकटें बुक करवा लिए थे।

बड़ी बेसब्री से पौष महीना जिसे खड़मास भी कहा जाता है। इसके बीतने का इंतजार कर रहे थे। भाग दौड़ के व्यस्त जीवन के कारण लोग अपनों से भी मिल नहीं पाते हैं। लेकिन शादी जैसे समारोहों में एक दूसरे से मिलने का सुअवसर प्राप्त होता है। जहां दिल से लेकर पारिवारिक बातें भी अपनों के साथ करते हैं। लेकिन कोरोना के अचानक बढ़ने से अपनों से मिलने का भी सुनहरा अवसर पर ग्रहण लगता दिख रहा है। जिनके बेटे बेटियों की शादी पहले ही तय हो गई है उन्हें तो मजबूरी है कि पचास पारिवारिक और संबंधियों के साथ मिलकर रस्म पूरी की जाय। कोरोना के पिछले दो लहरों में मौत के तांडव के कारण वैवाहिक समारोह में दूर दराज से अपने लोग भी भाग लेने से कतराते हैं। युवा वर्ग भी बड़ी बेसब्री से घर परिवार व रिश्तेदारों के घरों में होने वाली शादी का बेताबी के साथ इंतजार करते हैं। क्योंकि इस अवसर पर गीत, संगीत, नृत्य का मजा लेने का मौका मिलता है। लेकिन कोरोना जैसी बेदर्द महामारी ने युवाओं के अरमानों पर भी पानी फेर दिया है।

कोट

कोरोना गाइडलाइन का सभी लोग पालन करें। पार्टी, विवाह जैसे समारोह आवश्यक होने पर ही आयोजित करें। पचास से अधिक लोग इकट्ठे न हों। अवैध जमावड़ा की सूचना मिलने पर कार्रवाई होगी।

मु. सिकंदर, बीडीओ, जोकीहाट।


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