BAU : देश में पहली बार 42 डिग्री सेल्सियस तापमान पर खिलेगा गेंदा, जानिए... क्या है उन्नत तकनीक Bhagalpur News
नारंगी रंग के गेंदे की इस नई प्रजाति का देश के 11 बड़े संस्थानों में परीक्षण चल रहा है। परीक्षण के पूरा होने के बाद सरकार की हरी झंडी मिलते ही विश्वविद्यालय इसे रिलीज करेगा।
भागलपुर [ललन तिवारी]। गर्मी के तीन महीनों अप्रैल, मई और जून में गेंदे के फूल नहीं खिलते हैं। इसी दौरान शादी-विवाह, पूजन आदि में इसकी अधिक मांग होती है। इसे ध्यान में रखते हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर गेंदे की नई किस्म इजाद कर रहा है। यह 42 डिग्री तापमान, यानी अब तक देश में सबसे अधिक गर्म मौसम में भी खिलेगा। अब तक बेंगलुरु, मद्रास और केरल में अधिकतम 32 डिग्री सेल्सियस पर गेंदे के फूल खिल रहे हैं।
जल्द रिलीज होगी नई किस्म : नारंगी रंग के गेंदे की इस नई प्रजाति का देश के 11 बड़े संस्थानों में परीक्षण चल रहा है। परीक्षण के पूरा होने के बाद सरकार की हरी झंडी मिलते ही विश्वविद्यालय इसे रिलीज करेगा।
बीएयू उद्यान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रणधीर कुमार बताते हैं कि फूलों की खेती करने वाले किसानों की आमदनी बढ़े, इसी कारण इस नई किस्म का इजाद किया जा रहा है।
किसानों को होगी चौगुनी आमदनी : ठंड के मौसम में 120 से 150 रुपये कुड़ी तक गेंदे के फूलों की किसान बिक्री करते हैं। एक कुड़ी 20 लडिय़ों की होती है और एक लड़ी तीन फीट की होती है। गर्मी के मौसम में 600 से 700 रुपये कुड़ी तक किसानों को इस फूल के भाव मिलेंगे। अभी गर्मी के मौसम में बंगाल या अन्य जगहों से गेंदे के फूल मंगाए जाते हैं।
छह वर्ष लगा शोध में समय : बीएयू के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आरके सोहाने बताते हैं कि अखिल भारतीय पुष्प शोध परियोजना, नई दिल्ली के तत्वावधान में 2013 से इसपर शोध जारी था। इतने लंबे शोध के बाद अब सफलता मिल रही है। गया जिले के टेकारी में इसका सफल परीक्षण किया गया है।
20 फरवरी तक होगी रोपाई : कृषि वैज्ञानिक डॉ. श्यामा कुमारी के अनुसार 20 फरवरी तक नई किस्म के गेंदे के पौधों की रोपाई हो सकेगी। 60 सेंटीमीटर लाइन से दूरी और 30 सेंटीमीटर पौधों से पौधों की दूरी होनी चाहिए। अप्रैल माह से फूल आने लगेंगे और अगस्त तक ये फूल देंगे। किसान इससे एक एकड़ में दो लाख तक की आमदनी प्राप्त कर सकेंगे।
सरकार देती है 50 फीसद अनुदान : भागलपुर जिला के उद्यान सहायक निदेशक अजय कुमार सिंह ने बताया कि गेंदा के खेती के लिए सरकार 50 फीसद अनुदान देती है। 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अधिकतम अनुदान देय है।
गेंदा की नई किस्म पुष्प उत्पादक किसानों के घर समृद्धि की खुशबू देगी। इसे बहुत जल्द रिलीज कराया जाएगा। - डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति, बीएयू, सबौर