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नेपाल से पानी छोड़े जाने पर सीमांचल में कई नदियों में बाढ़, लोगों के घरों में घुसा पानी

नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण सीमांचल की नदियां उफान पर है। टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मटियारी धवेली भोरहा चिल्हनिया डाकपोखर आदि पंचायतों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है। जिससे क्षेत्र के लोगों का जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त हो गया है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 05:30 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 05:30 PM (IST)
नेपाल से पानी छोड़े जाने पर सीमांचल में कई नदियों में बाढ़, लोगों के घरों में घुसा पानी
नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण सीमांचल की नदियां उफान पर है।

संवाद सूत्र, टेढ़ागाछ (किशनगंज)। टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र से छोड़े गए पानी से प्रखंड क्षेत्र होकर बहने वाली नदियों में उफान आ गई है। प्रखंड क्षेत्र के रेतुआ, कनकई, गोरिया नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। वहीं मटियारी , धवेली, भोरहा, चिल्हनिया, डाकपोखर आदि पंचायतों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है। जिससे क्षेत्र के लोगों का जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त हो गया है। मटियारी पंचायत स्थित मालीटोला गांव में दर्जन से अधिक घर कनकई नदी के कटाव की जद में है और पुरा इलाका जलमग्न हो गया है।

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घरों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर जाने को मजबूर हो गए हैं। जिला परिषद श्यामलाल राम, मटियारी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अशरफ अली, वार्ड सदस्य अब्दुल कैयुम, उप मुखिया नूर आलम ने बताया कि वार्ड नंबर पंद्रह मालीटोला में दर्जनों घर कनकई नदी के गर्भ में विलीन होने के कगार पर है। इसमें मुख्य रूप से जमील आलम, जाबुल आलम, अबु आला, हबेबुल, मोहन राम, अलीमुद्दीन, शकीला खातून, हकीम आलम, अनिसूर रहमान आदि लोगों के घर से दस फीट की दूरी पर कनकई नदी का कटाव लगातार जारी है। इस कारण तटीय क्षेत्र के ग्रामीणों में भय का माहौल है। वहीं चिल्हनिया पंचायत स्थित आदिवासी टोला, सुहिया हाट बस्ती, देवरी टोला, कोठी टोला आदि गांव भी रेतुआ नदी के कटाव के जद में आ चुका है और भोरहा पंचायत स्थित फुलवरिया हाट व धवेली पंचायत स्थित दर्जन टोला, लोधाबाड़ी, हाथीलधा तथा झुनकी मुशहरा पंचायत स्थित धापरटोला आदि दर्जनों गांवों में सैकड़ों घर व उपजाऊ जमीन रेतुआ नदी के कटाव के जद में आने के कारण विलीन होने के कगार पर है। अभी तक कोई जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियों ने सुधी तक नहीं ली है।

जिससे प्रखंड क्षेत्र के लोगों में आक्रोश का माहौल है। हाटगांव पंचायत स्थित समाजसेवी अकमल समसी चिल्हनियां पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अनिल कुमार, विरेंद्र यादव उप मुखिया आनंद ठाकुर, सरपंच दीप लाल मांझी, भोरहा पंचायत के मुखिया जगदीश साह, उप प्रमुख ङ्क्षवदेश्वर साह धवेली पंचायत के मुखिया नजामुद्दीन, झुनकी मुशहरा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अफसार आलम आदि लोगों ने बताया कि कटाव रोधी कार्य समय पर नहीं किया गया तो सैकड़ों घर व उपजाऊ जमीन रेतुआ नदी के गर्भ में कभी भी समा सकता है। इसी प्रकार प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सड़क, पुल-पुलिया ध्वस्त हो जाने के कारण ग्रामीणों को आवाजाही में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अगर समय रहते जल्द आवागमन शुरू नहीं किया गया तो ग्रामीणों के समक्ष भुखमरी की नौबत उत्पन्न हो सकती है।


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