Move to Jagran APP

JLNMCH Bhagalpur: अध्यक्ष की कुर्सी पर गड़ी है नजर, इंतजार सचिव के निर्देश का

JLNMCH Bhagalpur कई विभागों में सेवानिवृत्त डाक्टर बने हैं विभागाध्यक्ष। कार्यालय खुलने का इंतजार कर रहे हैं चिकित्सक। प्रधान सचिव ने चार अक्टूबर को आला अधिकारियों को पत्र दिया। निर्देश दिया गया कि सेवानिवृत्त प्राध्यापक को अध्यक्ष नहीं बनाए।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 11:53 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 11:53 AM (IST)
JLNMCH Bhagalpur: अध्यक्ष की कुर्सी पर गड़ी है नजर, इंतजार सचिव के निर्देश का
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के अध्‍यक्ष पद पर सबकी नजर है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में कई डाक्टरों की नजर विभाग के अध्यक्ष की कुर्सी पर गड़ी हुई है। उन्होंने सेवानिवृत्त डाक्टरों को अध्यक्ष की कुर्सी से हटाने के लिए मुहिम भी चला रखी है। अब इंतजार है तो स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के फिर से निर्देश देने का। प्रधान सचिव चंचल कुमार ने चार अक्टूबर को आला अधिकारियों को पत्र दिया। जिसमें यह निर्देश दिया गया कि सेवानिवृत्त प्राध्यापक को अध्यक्ष नहीं बनाए।

loksabha election banner

डाक्टरों में अध्यक्ष बनने की बेचैनी इतनी की प्रधान सचिव का पत्र की जानकारी होते ही कालेज और अस्पताल के कई डाक्टर प्रमंडलीय आयुक्त से छह अक्टूबर को मिले और प्रधान सचिव के निर्देश हलावा देते हुए खुद को अध्यक्ष बनाने का आग्रह भी किया। सात अक्टूबर को मेडिकल कालेज के प्राचार्य को भी आवेदन दिया। प्राचार्य डा. हेमंत कुमार सिन्हा ने डाक्टरों के दिए आवेदन को प्रधान सचिव को भेज दिया और इस मामले में उनसे निर्देश देने का आग्रह किया। चूंकि दुर्गा पूजा को लेकर सरकारी कार्यालय बंद थे।

सोमवार को कार्यालय खुलने वाले हैं। इसलिए भी डाक्टरों में बेचैनी है। प्रमंडलीय आयुक्त और प्राचार्य को आवेदन देने वालों में दो विभाग के डाक्टर शामिल नहीं हुए। ताकि अध्यक्ष की नजर से बचे रहें। हालांकि उन डाक्टरों को भी अधिकारियों के पास जाने के लिए आग्रह किया गया था। टीबी एंड चेष्ट, सर्जरी, मेडिसीन, माइक्रोबायलॉजी, ईएनटी, पैथोलाजी, हड्डी रोग विभाग में सेवानिवृत्त प्राध्यापक अध्यक्ष हैं।

कुछ डाक्टरों ने यह भी शंका जाहिर की है कि इस मामले को टालने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि केवल स्थानीय मेडिकल कालेज अस्पताल में ही सेवानिवृत्त प्राध्यापकों को अध्यक्ष बनाया गया है। मेडिसीन विभाग के सेवानिवृत्त प्राध्यापक को जब अध्यक्ष बनाया गया था तो उक्त विभाग के डाक्टरों ने विरोध भी जताया था। विरोध स्वरुप पत्र भी दिया था, जिसमें यह कहा गया था कि सेवानिवृत्त प्राध्यापक के अधीनस्थ कार्य नहीं करेंगे। हालांकि बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.