मंदार महोत्सव ड्यूटी से भागकर धमकाने पहुंचा था सिपाही, पुलिस को मिली चौंकाने वाली जानकारी Bhagalpur News
पुलिस और अपराधियों मे सांठ-गांठ आम बात है। लेकिन हैरत यह है कि पुलिस और अपराधियों ने एक साथ मिलकर पीड़ित व्यक्ति को धमकाया था।
भागलपुर, जेएनएन। हबीबपुर के शाहजंगी इलाके में शनिवार की रात शिकायतकर्ता मीट व्यवसायी मु. राजा को धमकी देने का आरोपित सिपाही शमीम मंदार मेला में अपनी ड्यूटी छोड़कर भागलपुर पहुंचा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है।
पता चला है कि सीटीएस में जमादार बनने के लिए कोर्स कर रहे शमीम की ड्यूटी बांका में मंदार महोत्सव में लगी थी। वहां उसकी ड्यूटी मंदार जैन मंदिर के पास थी, लेकिन वह वहां से भाग निकला। इसे लेकर बौंसी थानेदार राजेश कुमार यादव ने उसके विरुद्ध रिपोर्ट भी दी है। इस मामले में सिपाही पर अलग विभागीय कार्रवाई चलेगी।
दरअसल, शाहजंगी निवासी मीट व्यवसायी मु. राजा के साथ 12 जनवरी की रात लूटपाट हुई थी। इस मामले में पीडि़त व्यवसायी ने अज्ञात पुलिसकर्मी के खिलाफ केस दर्ज कराया था। शनिवार की रात सिपाही शमीम दो बदमाशों नदीम और जावेद के साथ व्यवसायी को धमकाने पहुुंचा था। उसने केस उठाने की धमकी दी। इसे लेकर शाहजंगी में बवाल भी हुआ। पुलिस ने सिपाही शमीम के साथ ही नदीम और जावेद को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया था। रविवार को तीनों को जेल भेज दिया गया।
पुलिस मेंस एसोसिएशन ने मामले से खींचा हाथ
शमीम ने शनिवार की रात पुलिस के समक्ष बयान दिया था कि पुलिस मेंस एसोसिएशन भागलपुर ईकाई के अध्यक्ष सोमेश कुमार और उपाध्यक्ष पीतांबर कुमार राय ने ही उसे मु. राजा के पास भेजा था। इस पर एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि वे शमीम नाम के किसी सिपाही को जानते तक नहीं हैं। न ही उन्होंने किसी को मु. राजा के पास भेजा था। बदनाम करने के लिए उनका नाम लिया गया है। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। उपाध्यक्ष पीतांबर कुमार राय ने भी शमीम की बातों को झूठ का पुलिंदा बताया।
मोबाइल पर कई बार आया था एसोसिएशन वालों का फोन
वहीं, सिपाही शमीम कहना है कि पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने उससे बात की थी। इसका प्रमाण मोबाइल कॉल डिटेल है। पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी। शमीम पूर्व में एक सांसद का बॉडीगार्ड था। 15 अप्रैल को वह दुर्घटना का शिकार हो गया था। कई दिनों तक मायागंज अस्पताल में भर्ती रहा। इसके बाद ड्यूटी ज्वाइन की थी।
कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं
इधर, मीट व्यवसायी से लूटपाट मामले में आरोपित अज्ञात पुलिसकर्मी के बारे में कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है। ऐसे में कोतवाली पुलिस के लिए आरोपितों का नाम सामने लाना चुनौती साबित होगा।