भाागलपुर सदर अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर और इमरजेंसी को बनाएं खूबसूरत : डीएम
सदर अस्पताल में ड्राई रन देखने पहुंचे डीएम सुब्रत सेन ने कहा कि रजिस्ट्रेशन काउंटर और इमरजेंसी को खूबसूरत बनाएं ताकि मरीज जब आए तो मानसिक रूप से थोड़ा स्वस्थ हो जाए। ऊन्हें असहज महसूस नहीं हो। इस कार्य को यथाशीघ्र कराएं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर । सदर अस्पताल में ड्राई रन देखने पहुंचे डीएम सुब्रत सेन ने कहा कि रजिस्ट्रेशन काउंटर और इमरजेंसी को खूबसूरत बनाएं, ताकि मरीज जब आए तो मानसिक रूप से थोड़ा स्वस्थ हो जाए। उन्होंने जब रजिस्ट्रेशन काउंटर की तरफ नजर घुमाई तो कहा कि घटिया है, यही शब्द उन्होंने इमरजेंसी को देखकर भी कहा। उन्होंने कहा कि कम खर्च में दोनों को खूबसूरत बनाया जा सकता है। इमरजेंसी में सोख्ता बनाने का भी निर्देश दिया।
सदर अस्पताल में 25 में 11 चिकित्सक कार्यरत
डीएम जब सिविल सर्जन से चिकित्सकों की संख्या पूछी तो उन्होंने कहा कि 25 में मात्र 11 चिकित्सक हैं। लेबर रूम को भी देखा और भर्ती महिलाओं से भोजन और दवा के बारे में भी जानकारी ली। पैथोलॉजी सेंटर की सीबीसी मशीन खराब होने की जानकारी उन्हें दी गई। उन्होंने शीघ्र ही दुरुस्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने पूछा की पुनर्वास केंद्र में कितने कुपोषित बच्चे भर्ती हैं। सिविल सर्जन ने कहा छह हैं। इससे असंतुष्ट डीएम ने कहा कि इतने कुपोषित बच्चों को लाए ताकि उन्हें बेड खाली होने का इंतजार करना पड़े। इसके लिए बैठक कर अधिकारियों को निर्देश देने की भी बात उन्होंने कही।
कोरोना में कोलकाता में हुई मृत्यु, मुआवजे के लिए पांच माह से अंचल कार्यालय का काट रहे हैं चक्कर
इधर नाथनगर प्रखंड क्षेत्र के करेला निवासी विनोद पंडित की मृत्यु कोलकाता मे अगस्त 2020 में हो गयी थी।स्वजनों के पास कोरोना से मृत्यु का साॢटफिकेट भी है।इसके बावजूद पीडि़त की पत्नी को दर दर भटकना पड़ रहा है।नाथनगर अंचल में मुआवजे के लिए आवेदन देने गयी मृतक की पीडि़त पत्नी कुशुम देवी को कभी डीएम तो कभी आपदा विभाग पटना जाने को कहा जा रहा है।उन्होंने बताया कि अंचल के कर्मी रोजाना अलग अलग नियम बता रहे है। ऐसा प्रतीत होता है कि अफसरों को ही नियम नहीं पता है।कोई कहते डीएम के पास जाओ तो कोई पटना का रास्ता दिखा रहे है।सरकार ने चार लाख मुआवजा तय किया है।जिसे अफसर नहीं देना चाह रहे है।पीडि़त ने बताया कि पति के मृत्यु के बाद घर की माली हालत बिल्कुल खराब हो चुकि है मगर इतना के बाद भी अफसरों का दिल नहीं पसीज रहा है।
वहीं इस संबंध में सीओ राजेश कुमार ने बताया कि कोलकाता से अभिलेख बनकर आएगा।पीडि़त को पटना आपदा विभाग जाना होगा तब मुआवजा मिल सकता है।