Top Bhagalpur News of the day, 21th November 2019, पूर्व मुखिया की हत्या, सृजन घोटाला, झंडापुर तिहरे हत्याकांड
Top Bhagalpur News of 21th November 2019। भागलपुर की टॉप Top Three खबरें। ताजातरीन खबरों के लिए बने रहिए हमारे साथ।
भागलपुर [जेएनएन]। 21th November 2019 को जिले की कुछ महत्वपूर्ण खबरें।
पूर्व मुखिया की हत्या
सहरसा जिला अपराध की गिरफ्त में है। रोज हत्या, लूट और छिनतई की घटनाएं हो रही है। बुधवार की रात राजनपुर पंचायत के पूर्व मुखिया सत्तो यादव की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पूर्व मुखिया दूधैलभित स्थित अपने बथान पर रात में ट्रैक्टर से खेत की जुताई कर रहा था। पूर्व मुखिया सत्तो खुद ट्रैक्टर चला रहे थे। इसी बीच घोड़े तथा बाइक से आए आधे दर्जन से ज्यादा अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग के दौरान सत्तो यादव को कई गोलियां लगी। इसके तुरंत बाद घटनास्थल पर ही सत्तो यादव की मौत हो गई।
सृजन घोटाला
सृजन घोटाला मामले में डीआरडीए में पूर्व में कार्यरत कर्मचारी अरुण कुमार पर विभागीय कार्रवाई होगी। डीएम प्रणव कुमार को इस आशय का प्रस्ताव भेजा गया है। डीएम की स्वीकृति मिलने के बाद अरुण कुमार निलंबित हो सकते हैं। अभी अरुण कुमार दूसरे विभाग में कार्यरत हैं। इधर, सृजन घोटाला से जुड़े मामले में प्रखंडों से रिपोर्ट डीआरडीए प्रशासन को प्राप्त हो गया है। इस रिपोर्ट को डीआरडीए प्रशासन एजी को भेजने का निर्णय लिया है। पूर्व में एजी ने जो रिपोर्ट भेजा था, उसमें घोटाले की राशि को 89 करोड़ बताया था, जबकि डीआरडीए प्रशासन का कहना था कि उनका 83 करोड़ रुपये ही सृजन में गया है। छह करोड़ प्रखंड से सृजन में गया।
झंडापुर तिहरे हत्याकांड
पॉक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार तिवारी ने झंडापुर तिहरे हत्याकांड में चार अभियुक्तों को उम्रकैद और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। जिन अभियुक्तों को सजा सुनाई गई उनमें बलराम राय उर्फ बाले राय, मोहन सिंह, कन्हैया झा उर्फ रोहित कुमार और मुहम्मद महबूब शामिल हैं। न्यायाधीश ने हत्या, सामूहिक दुष्कर्म, 4 पॉक्सो एक्ट और साजिश रचने में सजा सुनाई। न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 302 में उम्रकैद की सजा सुनाई है। 4 पॉक्सो एक्ट में भी चारो अभियुक्तों को उम्रकैद और 50 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। यहां तक की वारदात की साजिश रचने और अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम में भी उम्रकैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी है। न्यायाधीश ने जानलेवा हमले में सात साल की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना। धारा 148 और 456 में एक-एक साल की कठोर सजा सुनाई गई है। न्यायाधीश ने अपने फैसले में सभी सजाएं साथ चलाए जाने की बात कही है। फैसले के अनुसार उम्रकैद पाए चारों अभियुक्तों को शरीर से प्राण छूटने तक जेल में ही कैद रहना होगा। सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल ने कुल 14 लोगों की गवाही कराई और अभियोजन को मुकाम पर पहुंचाया।