Top Bhagalpur News of the day, 19th September 2019, नगर निगम, भागलपुर में हवाला कारोबार, शिक्षक की हत्या, पत्नी की हत्या, धनंजय चौधरी हत्याकांड
Top Bhagalpur News of 19th September 2019। भागलपुर की टॉप Top Five खबरें। ताजातरीन खबरों के लिए बने रहिए हमारे साथ।
भागलपुर [जेएनएन]। 19th September 2019 की कुछ महत्वपूर्ण खबरें।
भागलपुर नगर निगम
नगर निगम में पार्षदों के बीच मेयर और डिप्टी मेयर को लेकर अविश्वास का दौर जोर पकड़ लिया है। पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद मेयर के विरोध में पार्षदों का एक खेमा सक्रिय हो गया है। इसका असर मेयर के कैबिनेट यानि स्थायी समिति सदस्य पर भी पड़ा है। समिति सदस्य से इस्तीफा देने के लिए पार्षद संध्या गुप्ता मेयर के चैंबर में पहुंच गईं। वह करीब दो घंटे तक मेयर का इंतजार करती रहीं। अपराह्न तीन बजे कार्यालय अधीक्षक मु. रेहान ने पार्षद के आग्रह पर आगत-निर्गत शाखा प्रभारी देवेंद्र वर्मा इस्तीफा लेने को कहा। पार्षद संध्या गुप्ता ने कहा कि मेयर सीमा साहा के कार्यकाल में शहर का विकास कार्य ठप है। ऐसी परिस्थिति में स्थायी समिति के सदस्य पद पर रहने का कोई औचित्य नहीं बनता है। तीन माह पूर्व पार्षद नजमा खातून भी स्थायी समिति से अपना इस्तीफा मेयर को सौंप चुकी है।
भागलपुर में हवाला कारोबार
दस रुपये के एक नोट में लाखों की रकम। नंबर बताते ही रुपयों से भरी अटैची संबंधित व्यक्ति के हवाले। नोटबंदी के बाद से ही छोटे-छोटे शहरों से भी हवाला के माध्यम से रुपये पहुंचाने के धंधे का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस अब वैसे शातिरों की तलाश कर रही है। झारखंड के दुमका जिले के मसानजोर के पास 27 अगस्त की रात हुई लूट में हवाला का पैसा भी था। नोटबंदी के बाद शहर के ही दो व्यवसायियों ने इसकी शुरुआत की थी, यह बात पुलिस तक भी पहुंच चुकी है। धंधेबाजों ने भागलपुर, मुंगेर और बांका से कोलकाता जाने वाली बसों से रुपये भेजना शुरू किया। हवाला कारोबारी कभी-कभी रुपये के बदले सोना और चांदी भी बड़ी मात्रा में कोलकाता भेजते हैं। दुमका में पगला बाबा बस (कृष्णा रजत) में हुई डकैती के दौरान लुटेरों बड़ी रकम हाथ लगी है। मोटी रकम होने के कारण कोई भी व्यवसायी पुलिस के समक्ष यह कहने को तैयार नहीं है कि यह धन राशि उनकी है। इस मामले में दुमका पुलिस ने बस चालक लक्ष्मण महतो सहित मुंगेर, जमुई और बांका के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। दस लोग अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।
जमुई में शिक्षक की हत्या
जमुई में अपराधियों ने एक शिक्षक की हत्या कर दी। हत्या के कारणों का पता नहीं चला है। पुलिस जांच कर रही हैं। शिक्षक को बुधवार की रात घर से अगवा किया गया था। परिजन से इसकी जानकारी रात में ही पुलिस को दी थी। पुलिस ने गुरुवार सुबह लाश बरामद किया। पुलिस ने बताया कि देर रात ही शिक्षक की गोलीमार कर हत्या कर दी गई। हत्या के पीछे पुरानी रंजिश बताया जाता है। मृतक बरजोर गांव के मो अब्दुल कलाम हैं। वह मलयपुर मदरसा में शिक्षक है, जो मुहर्रम पर घर आया था।
जमुई पत्नी की हत्या
चार माह पूर्व दोनों की शादी हुई। किसे पता था कि यह शादी दहेज हत्या के रूप में बदल जाएगी। महिला के परिजन का आरोप है कि उसका पति अक्सर उसे मायके से मोटरसाइकिल लाने के कहता था। मोटरसाइकिल नहीं दे पाने के कारण ही उसकी हत्या जानबूझकर की गई है। घटना शहर के गुटगुटिया पैलेस में घटी। नवविवाहिता माणिक बथान गांव की रहने वाली है। उसका सुसराल लक्ष्मीपुर प्रखंड के मगही गांव में है। पिता ने स्थानीय थाना में मामला दर्ज कराया है। बताया जाता है कि माणिक बथान गांव के नागेश्वर यादव का 19 वर्षीय पुत्री कौशल्या देवी की शादी विगत चार महीने पहले मगही गांव के हेमन यादव के पुत्र विजय यादव के साथ हुई थी। शादी के बाद पति समेत पूरा परिवार नवविवाहिता के साथ मारपीट करता रहा। उससे दहेज के रूप में एक मोटरसाइकिल की मांग की। मायके वालों ने मोटरसाइकिल कुछ दिन के बाद दे देने की बात स्वीकार कर ली।
धनंजय चौधरी हत्याकांड
सन्हौला थाना क्षेत्र के पोठिया गांव निवासी धनंजय चौधरी की हत्या खेत का पानी बहाने के विवाद में कर दी गई थी। इस मामले में विजयकांत चौधरी के बयान पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें रविन्द्र चौधरी, चतुरानंद चौधरी, मदन कुमार चौधरी, चंद्रकिशोर चौधरी और राम विलास चौधरी को आरोपित बनाया गया। ट्रायल के दौरान चंद्रकिशोर और रामविलास की मृत्यु हो चुकी है। रविन्द्र और चतुरानंद का ट्रायल अष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमपी सिंह की अदालत में चल रहा था। इसी हत्या में तीसरे आरोपित मदन कुमार चौधरी की ओर से उसके अधिवक्ता ने पूर्व में न्यायालय में यह अर्जी दी थी कि वारदात के समय वह नाबालिग था। इसलिए उसकी सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में कराई जाए। इस वजह से जिंदा बचे तीसरे आरोपित का केस रिकार्ड किशोर न्याय बोर्ड स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां बोर्ड का निर्णय आना बाकी है। 45 साल पूर्व 28 अप्रैल 1974 को हुए हत्याकांड में अदालत ने आरोपित चतुरानंद चौधरी उर्फ मंटू को दोषी करार दिया। दोषी को सजा 25 सितंबर को सुनाई जाएगी। उसे जेल भेज दिया गया है। अष्टम जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमपी सिंह की अदालत में दोनों आरोपित चतुरानंद चौधरी और रविन्द्र चौधरी उपस्थित हुए, जिसमें रविन्द्र को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया गया। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक मुहम्मद रियाज खां ने पक्ष रखा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण मामला वर्षो खिंचता चला गया।