Supaul, Bihar Suicide Case: आर्थिक तंगी में फांसी पर झूल गया पांच सदस्यीय परिवार, बेटी की शादी के बाद समाज से कट गया था पूरा परिवार
Supaul Bihar Suicide Case सुपौल में पांच लोगों की आत्महत्या की खबर से इलाके मे सनसनी फैल गई है। लोगों की माने तो आर्थिक तंगी इसकी सबसे बड़ी वजह थी। वहीं बेटी की शादी के बाद पूरा परिवार समाज से कट गया था।
संसू, राघोपुर (सुपौल)। लोगों पांच लोगों की आत्महत्या की खबर से इलाके में सनसनी फैल गई है। हर कोई इसको लेकर तरह तरह की चर्चा कर रहा है। कुलो लोगों का कहना है कि बेटी के प्रेमी के साथ भागने से परेशान गद्दी गांव निवासी मिश्री लाल साह (52) ने अपने पांच सदस्यीय परिवार के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अन्य मृतकों में उनकी पत्नी रेणु देवी (44), बेटी रोशन कुमारी (15) और फूल कुमारी (08) के अलावा पुत्र ललन कुमार (14) शामिल हैं। घर से दुर्गंध आने के बाद पड़ोसियों ने शनिवार को पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मामले का पता चला। इस घटना से पूरा इलाका हतप्रभ है।
समाज से बना रखी थी दूरी
मिश्रीलाल साह के परिवार के परिवार के लोग समाज से दूर रहते थे। छह सितंबर, शनिवार को मिश्रीलाल को लोगों ने अंतिम बार देखा था। वे जन वितरण प्रणाली के विक्रेता के पास चावल का उठाव करने गए थे। उन्होंने 70 किलोग्राम चावल उठाया था। अपने हिस्से के गेहूं का उन्होंने उठाव नहीं किया था। घटना के बाद पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने भी मौके पर पहुंचकर मामले की पड़ताल की। एफएसएल टीम को भी जांच में लगाया गया है।
मरने से पहले पहने नए कपड़े
मरने से पहले परिवार के सभी सदस्यों ने नए कपड़े पहने। इनके घर की आंगन में सारे जूठे बर्तन गवाही दे रहे थे कि मरने से पहले घर में खाना बनाया गया था। इन लोगों ने एक हरैत बांस (मजबूत किस्म का बांस) के सहारे फांसी लगाई थी। कुछ दिनों के बाद जब शव फूलकर भारी होने लगे तो बांस थोड़ा नीचे की ओर मुड़ गया। बावजूद, पुलिस के आने के समय सभी के पैर जमीन से ऊपर ही थे।
मुख्य द्वार पर लगा दिया था ताला
मिश्रीलाल के घर के मुख्य द्वार पर ताला लगा हुआ था। पुलिस कयास लगा रही है कि ताला लगाने के बाद ये लोग दूसरे दरवाजे से अंदर गए। इसके बाद दोनों दरवाजों की कुंडी अंदर से बंद की। इनमें वह कमरा भी शामिल है, जिसमें परिवार ने आत्महत्या की थी।
परिवार चलाने के लिए रिक्शा तक खींचा
स्थानीय मुखिया मु. तस्लीम, सरपंच युवराज मंडल सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि आॢथक तंगी के कारण ही इस परिवार ने यह कदम उठाया है। शारीरिक रूप से कमजोर होने और जीविका के साधनों के अभाव में मिश्रीलाल काफी परेशान थे। कुछ दिनों तक इन्होंने रिक्शा चलाया। ई-रिक्शा के चलन के बाद रिक्शे से आमदनी बंद हो गई। इसके बाद सेकेंड हैंड आटा चक्की लगवाई और सेकेंड हैंड ऑटोरिक्शा भी खरीदी। ये दोनों भी इन्हें घाटा दे गई। तब ये ईंट भ_ों के मजदूर से आधा जला हुआ कोयला खरीदकर बेचने लगे। बाद में नई तकनीक आ गई। इसमें ईंट भ_ों में कोयले के चूर्ण का इस्तेमाल किया जाता है। इस कारण यह काम भी बंद हो गया।
बेटी कहां है, किसी को नहीं पता
इसी बीच ईंट की चिमनी पर काम करने वाले यूपी के एक मजदूर के साथ इनकी बेटी नीतू (20) ने भागकर शादी कर ली। उसके बारे में अभी किसी को कोई जानकारी नहीं है। इस घटना के बाद मिश्रीलाल और उनके परिवार ने खुद को घर में कैद कर लिया। समाज से ये लोग कटने लगे। ग्रामीण बताते हैं कि मिश्रीलाल अपने पड़ोसियों तक से बातचीत नहीं करते थे।
दो वर्षों से बेच रहे थे जमीन
पिछले दो वर्षों से मिश्रीलाल अपने हिस्से की 15 क_ा जमीन को धीरे-धीरे बेचकर गुजारा कर रहे थे। मिश्रीलाल तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। तीनों भाई पिछले 12 वर्षों से अलग-अलग घर बनाकर रह रहे थे। इनके दो भाइयों रामकिशुन साह और विशुनदेव साह में पांच क_ा जमीन इनके बड़े भाई रामकिशुन ने ही खरीदी थी। अब मिश्री लाल के पास बांसबाड़ी और घर को मिलाकर कुल साढ़े तीन क_ा जमीन बची हुई थी। भाई बांसबाड़ी बेचने का विरोध कर रहे थे।
दंपती का बना था जॉब कार्ड
मुखिया ने बताया कि मिश्रीलाल और उनकी पत्नी का जॉब कार्ड बना हुआ था। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भी इनका नाम प्रस्तावित था। इधर, ग्रामीणों ने दबी जुबान में बताया कि मिश्रीलाल नशे के भी आदी थे। बेटी के चले जाने के बाद समाज के तानों ने इन्हें काफी परेशान कर दिया था। ये अवसाद में चले गए थे। इस कारण भाइयों तक के घर नहीं जाते थे।
प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का लगता है। एफएसएल की टीम को ऐसा अंदेशा है। पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट से यह स्पष्ट होगा। सामाजिक रूप से यह परिवार अपने भाइयों एवं ग्रामीणों से नगण्य संपर्क रखता था। आर्थिक रूप से साधनविहीन था। मजदूरी कर वह जीवन चला रहा था। इसकी एक लड़की ने दो साल पहले अपने मन से शादी कर ली थी। इस घटना के बाद पूरा परिवार अंतर्मुखी हो गया। हर बिंदु पर घटना की जांच की जा रही है। - मनोज कुमार, पुलिस अधीक्षक, सुपौल