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Madhepura News: अस्पताल के बदामदे पर लगया गया है बेड, इलाज भगवान भरोसे

Madhepura News मधेपुरा के गम्हरिया स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं का काफी अभाव है। यहां जीएनएम फर्मासीस्ट ड्रेसर क्लर्क आदि के पद खाली हैं। वहीं अस्‍पताल में बरामदे पर बेड लगाया जाता है। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 05:52 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 05:52 PM (IST)
Madhepura News: अस्पताल के बदामदे पर लगया गया है बेड, इलाज भगवान भरोसे
मधेपुरा के गम्हरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों की जांच करते डॉक्‍टर।

मधेपुरा [नंदन कुमार]। गम्हरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सेहत ठीक नहीं है। एक लाख लोगों की जिम्मेवारी स्वास्थ्य केंद्र के जिम्मे है। लेकिन खुद ही बीमार स्वास्थ्य केंद्र लोगों के ईलाज में सक्षम नहीं हो पा रहा। संसाधन व जगह के अभाव में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने की बात बेमानी लग रही है। अस्पताल के बरामदे पर ही आठ-नौ बेड लग दी गई है। जहां मरीजों का इलाज होता है। रोजना करीब डेढ़ से दो सौ मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं।

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प्रखंड में एक पीएचसी के आलाव एक अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र व 11 उप स्वास्थ्य केन्द्र भी है। लेकिन, मगर सिर्फ दिखावे के लिए। जबकि दूसरे जिले के लोग भी इलाज के लिए पहुंचते हैं। सुपौल के कई पंचायत नजदीक होने के कारण इलाज के लिए गम्हरिया ही आते हैं। प्रखंड में आठ पंचायत के 98 वार्ड के लोगों का इलाज यहां होता है। कहने को तो यहां नौ चिकित्सक पदस्थापित हैं। इसमें एमबीबीएस पांच, दंत चिकित्सक एक, आयुष एक और दो आरबीएसके के चिकित्सक हैं। जबकि 18 एएनएम और सात कर्मचारी कार्यरत हैं।

जीएनएम, फर्मासीस्ट, ड्रेसर, क्लर्क आदि जैसे कई पद है। जो रिक्त पड़ा हुआ है। ओपीडी में कार्यरत महिला चिकित्सक डॉ. अन्नु आनंद ने बताया कि पीएचसी में लगभग सभी दवा उपलब्ध है। उपलब्ध दवा के अनुसार पर्ची पर दवा भी लिखा जाता है। कुछ दवाऐं ऐसी भी हैं जो मरीज को बाहर खरीदना पडता है। पीएचसी की साफ सफाई का जिम्मा स्वंयं सेवी संस्था के जिम्मे है। स्थानीय रविन्द्र कुमार, ललन कुमार, प्रमोद कुमार आदि ने बताया कि अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है।

बिना फर्मासीस्ट के ही होता है दवा वितरण

गम्हरिया पीएचसी में फर्मासीस्ट पद पर आज तक किसी को पदस्थापित नहीं किया गया है। चिकित्सकों के द्वारा लिखे दवा को वितरण करना व दवा की भंडारण आदि कामों के लिए कोई व्यक्ति नहीं है। स्थानीय स्तर पर पीएचसी प्रशासन अपने स्तर से दवा काउंटर पर कर्मी दिया है। जो दवा वितरण करता है।

दो में से एक एंबुलेंस रहता है खराब

गम्हरिया पीएचसी में दो एम्बुलेंस है। इसमें से एक एंबुलेंस बहुत दिनों से खराब है। रखरखाव के अभाव में सड़ रहा है। एक एंबुलेंस जो सिर्फ जननी के कार्य के लिए है। उसी से हर तरह का काम लिया जा रहा है।

क्या कहते हैं मरीज

बुधवार की पीएचसी में मरीजों की भीड़ लगी थी। एक महिला चिकित्सक और एक पुरूष चिकित्सक मरीज को देख रहे थे। वहीं इलाज करा रही बभनी के रूमा देवी व सुगीया देवी ने बताया कि डॉक्टर साहब द्वारा लिखे सभी दवा पीएचसी में मिल गया। वहीं गम्हरिया की श्यामा देवी ने बताया कि उन्हें बाहर से दवाई खरीदना पड़ा।

कई उप स्वास्थ्य केंद्र है भवनवहीन

गम्हरिया पीएचसी के अलावा एक अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र और 11 उप स्वास्थ्य केन्द्र है। इसमें एक अतिरिक्त स्वास्थ्य के साथ मात्र चार उप स्वास्थ्य केंद्रों को अपना भवन हैं। शेष उप स्वास्थ्य केंद्र को अभी तक ठौर नहीं है।

जगह की कमी के कारण परेशानी होती है। वैसे मरीज की देखभाल और इलाज में लापरवाही नहीं बरती जाती है। बेहतर सुविधा मुहैया कराया जाता है। उपलब्ध दवा का शत प्रतिशत वितरण किया जा रहा है। सांप और कुत्ता काटने की दवा भी उपलब्ध है। खराब एंबुलेंस ठीक होने की स्थिति में नहीं है।

डॉ. डीएन चौधरी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, गम्हरिया (मधेपुरा)


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