भगवान नारद की जयंती आज, श्रद्धालु सात्विक शक्ति का मांगेंगे आशीर्वाद, जानिए भागलपुर में क्या है तैयारी
आज भगवान नारद जयंती है। ऋषि नारद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त और परमपिता ब्रह्मा के मानस संतान माने जाते हैं। नारद मुनि को देवताओं का संदेशवाहक जाना जाता है। लॉकडाउन के कारण लोग घर पर ही इस बार पूजा करेंगे।
संस. भागलपुर। देवताओं के संदेशवाहक भगवान नारद की जयंती गुरुवार को मनाई जाएगी। श्रद्धालु ऋषि नारद जी की पूजा-अर्चना कर कोरोना महामारी से निजात दिलाने का आग्रह करेंगे।
ऋषि नारद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त और परमपिता ब्रह्मा के मानस संतान माने जाते हैं। नारद मुनि को देवताओं का संदेशवाहक जाना जाता है। नारद मुनि प्रकांड विद्वान थे। वह हर समय नारायण-नारायण का जाप किया करते थे।
नारद जयंती का महत्व
ज्योतिर्विद पंडित सचिन कुमार दुबे ने बताया कि धार्मिक मान्यता है कि जयंती पर नारद जी की पूजा आराधना करने से भक्तों को बल, बुद्धि और सात्विक शक्ति की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यता है कि नारद मुनि न सिर्फ देवताओं, बल्कि असुरों के लिए भी आदरणीय हैं। इस दिन व्रत रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
नारद जयंती का शुभ मुहूर्त और विधि
हिन्दू पंचांग के अनुसार नारद जयंती प्रति वर्ष ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। नारद जयंती की तिथि 26 मई को शाम 4 : 43 बजे से प्रारंभ और समापन 27 मई को दोपहर 1:2 बजे पर होगा। नारद जयंती के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। वस्त्र धारण करें और पूजाघर की साफ-सफाई करें। साथ ही व्रत का संकल्प लें। इसके बाद ऋषि नारद का ध्यान करते हुए पूजा-अर्चना करें। नारद मुनि को चंदन, तुलसी के पत्ते, कुमकुम, अगरबत्ती, पुष्प, धूप चढ़ाएं। साथ ही अपनी सामथ्र्य के अनुसार जरूरतमंदों को दान दें।