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Munger Coronavirus Update: मुंगेर की स्थिति चिंताजनक, मार्च में बाहर से आए लोगों का बनेगा डाटा

LIVE Bhagalpur Coronavirus News Update बिहार का मुंगेर कोरोना संक्रमण के हॉट स्‍पॉट के रूप में उभरा है। बिहार में हुई पहली मौत इसी जिला से है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 12 Apr 2020 10:05 AM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2020 05:08 PM (IST)
Munger Coronavirus Update: मुंगेर की स्थिति चिंताजनक,  मार्च में बाहर से आए लोगों का बनेगा डाटा
Munger Coronavirus Update: मुंगेर की स्थिति चिंताजनक, मार्च में बाहर से आए लोगों का बनेगा डाटा

मुंगेर, जेएनएन। बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मुंगेर में प्रतिदिन कोरोना से संदिग्‍ध मरीज भर्ती हो रहे हैं। यहां के मरीज भागलपुर में भर्ती हो रहे हैं। JLNMCH में लगातार ऐसे संदिग्ध मरीजों पर ध्यान रखी जा रही है। कुछ संदिग्ध मरीजों का इलाज पटना में भी हो रहा है। 

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चार मरीजों को किया गया आइसोलेट

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर लगातार जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सजग है। जिला में कोरोना को लेकर संक्रमण का खतरा नहीं हो, इसको लेकर लगातार बेहतर पहल भी की जा रही है। 10 मार्च को जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन और स्वस्थ्य विभाग द्वारा जिला के 9 प्रखंडों में कुल 11 आइसोलेशन वार्ड में 182 बेड की व्यवस्था की गई है। जिसमें 22 संदिग्ध मरीजों को रखा गया है। चार मरीजों को 10 मार्च को आइसोलेट किया गया है। इसके अलावा चार हजार 301 बेडों वाले 127 क्वारंटाइन सेंटर में 335 मरीजों को क्वारंटाइन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार जिले में अब तक 297 लोगों का सैंपल लिया गया। जिसमें 290 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। फिलहाल जिले में एक भी कोरोना के पॉजिटिव मरीज नहीं है। डीएम राजेश मीणा ने कहा कि 11 लोगों का सैंपल गुरुवार को जांच के लिए पटना भेजा गया, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

हर घरों में मार्च में बाहर से आए लोगों का बनेगा डाटा

कोरोना संक्रमण से हुई पहली मौत के बाद मुंगेर जिला में संक्रमण पर ब्रेक लगाने में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हद तक सफल रहा। संक्रमित युवक के संपर्क में आए लोगों की सूची स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले ही तैयार कर ली गई थी। जिसमें 297 लोगों का जांच 10 मार्च तक करा ली गई। इसमें 290 लोगों का रिपोर्ट निगेटिव मिला। शेष सात मामलों में एक की मौत के बाद अन्य छह पॉजिटिव पाए गए लोग भी कोरोना को मात देकर घर वापस लौट चुके हैं।

अब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नई पहल शुरू की गई है। डीएम राजेश मीणा ने बताया कि जिले में कोविड -19 मामलों के प्रकाश में आने के बाद विशेष रूप से लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी रखने के लिए चिकित्सा सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इसके लिए वार्ड वार विशेष टीम का गठन किया गया है। जो प्रत्येक वार्ड में घर-घर जाकर परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य की जानकारी लेगी। इससे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के पास लोगों की स्वास्थ्य की सही जानकारी आसानी से उपलब्ध रहेगा। टीम मार्च में बाहर से आए लोगों के बारे में भी जानकारी मागेंगी। डीएम ने सभी लोगों से सर्वें में लगी टीमों का सहयोग करने की अपील की है। डीएम ने कहा कि इस डेटा का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा।

क्वारंटाइन सेंटर में आए मरीजों को मिल रही है बेहतर सुविधा

कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जिला में नौ क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। जबकि, 127 क्वारंटाइन कैंप बनाए गए हैं। रेलवे के क्वींस हॉस्टल को भी क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। यहां कोरोना के 30 संदिग्ध मरीजों को रखा गया है। क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सक और नर्स की तीन शिफ्टों में डयूटी लगाई गई है। क्वारंटाइन सेंटर में चिकित्सीय सुविधा के साथ ही शारीरिक दूरी का शत प्रतिशत अनुपालन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यहां रहने वाले प्रत्येक संदिग्ध मरीज को अलग-अलग टूथ ब्रश, साबुन आदि मुहैया कराए गए हैं। इसके साथ ही चाय और नाश्ता दिया जाता है। दोपहर और रात में खाना सभी को बंद सील पैक पानी का बोतल दिया जाता है। क्वारंटाइन सेंटर के प्रभारी सह सीओ शंभू मंडल ने बताया कि यहां रह रहे मरीजों को सभी सरकारी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। बाहरी लोगों से संपर्क नहीं हो इसको लेकर विशेष चौकसी बरती जा रही है। सभी का सैंपल कलेक्ट किया गया है। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मरीजों को होम क्वारंटाइन में भेजा जाता है। क्वारंटाइन सेंटर पर साफ-सफाई को लेकर विशेष चौकसी बरती जा रही है। इसके अलावा पूरे कैंपस को सैनिटाइज कराने का भी काम किया जा रहा है।

कृषि कार्यों के दौरान भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए बरतें सावधानी

कृषि मंत्री प्रेम कुमार और कृषि निदेशालय के अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मुंगेर जिला कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान कृषि मंत्री ने अधिकारियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

कृषि कार्यों में लगे किसानों को सैनिटाइजर, हैंड ग्लब्स, मास्क सहित अन्य सुविधा प्रदान किए जाने के निर्देश भी दिए। कृषि मंत्री ने कहा कि किसान कोरोना की चपेट में नहीं आएं, इसको लेकर विशेष ख्याल रखें। किसानों को जागरूक करें। उन्हें शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए भी प्रेरित करें।

इस संबंध में आत्मा के परियोजना निदेशक आनंद विक्रम सिंह ने बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग में पूरी तरह से किसानों को कोरोना वायरस से बचाए जाने पर विशेष बल दिया गया। उन्होंने कहा कि कृषि कार्यों के दौरान भी कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए। वहीं, बीते वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा किए गए कार्यों की भी समीक्षा की गई।

लॉकडाउन से मिलेगी छूट, खुले रहेंगे खाद-बीज के दुकान

खेती किसानी का समय शुरू हो गया है। लॉकडाउन के कारण खाद बीज के दुकान बंद पड़े हुए थे। इस कारण किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इधर, एसडीओ उपेंद्र ङ्क्षसह ने कृषि निदेशक के निर्देश के आलोक में उर्वरक, कीटनाशक, बीज आपूर्ति आदि को ध्यान में रखते हुए खाद बीज के दुकानों को लॉकडाउन से छूट देने के आदेश जारी कर दिए हैं। उर्वरक, कृषि रसायन, कीटनाशी, बीज के बिक्री केंद्र थोक एवं फुटकर पहले की भांति खुले रहेंगे। रबी फसलों की कटाई में होने वाले कंबाइन हार्वेस्टर तथा कृषि क्षेत्र में प्रयुक्त श्रमिक, बीज विधायन संयंत्रों के संचालन एवं कार्य में प्रयुक्त होने वाले श्रमिक को लॉक डाउन में छूट मिलेगी। इस आदेश का अनुपालन सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए सुनिश्चित करेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने की स्थिति पर नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कहीं गई है। आदेश संबंधित पत्र से संबंधित पदाधिकारियों को भी अवगत कराया गया है।

खाते में आने लगी राशि, पांच हजार से अधिक बैंक खाते फिर से हुए चालू

कोरोना संकट से निपटने के लिए देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित है। लॉकडाउन के कारण परेशानियों का सामना करने वाले दैनिक मजदूर, गरीबों को राहत देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रयास तेज कर दिए गए हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे लाभुकों के बैंक खाते के माध्यम से दी जा रही है।

प्रतिदिन दो हजार लोग पहुंच रहे हैं बैंक

कोरोना वायरस के बीच लगे लॉकडाउन में शारीरिक दूरी का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक में 5 से 10 लोग ही परिसर के अंदर जा रहे हैं और अपना जमा एवं निकासी कर रहे हैं। जिन लोगों का खाता बंद हो चुका हैं, वैसे लोग केवाईसी जमा कर अपने खाते को पुन: चालू करवा रहे हैं। लॉकडाउन में बैंकों में लोग जमा अथवा निकासी या खाता को पुन: चालू करने के लिए ही पहुंच रहे हैं।

कई बैंककर्मी लॉकडाउन का बहाना कर उपभोक्ताओं को कर रहे हैं परेशान

केवाईसी जमा नहीं करने के कारण सैकड़ों खाते बंद हो चुके हैं। बंद हुए खाते को पुन: चालू करने के लिए सैकड़ों की संख्या में उपभोक्ता अपने स्थानीय बैंक पहुंच रहे हैं। वहीं, बैंक कर्मी लॉकडाउन का बहाना बनाकर उन्हें 14 अप्रैल के बाद खाता पुन: चालू करने की बात वापस कर रहे हैं। बड़ी बाजार के मनोज कुमार, लल्लू पोखर के दीपक कुमार आदि ने कहा कि आधार जमा नहीं होने के कारण मेरा खाता बंद हो गया। जब बैंक पहुंचे तो बैंक कर्मी ने बताया कि 14 अप्रैल के बाद आपका खाता चालू किया जाएगा। ऐसा एक बैंक का मामला नहीं है।

5000 से अधिक बंद खाते को चालू किया गया

बड़ी बाजार भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंधक प्रकाश कुमार सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा भेजे गए सहायता राशि निकालने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग बैंक पहुंच रहे हैं। बैंक परिसर के अंदर 5 से 10 लोग ही सोशल डिस्टेंस बनाकर अपनी निकासी कर रहे हैं। अब तक पांच से अधिक बंद खाते को पुन: चालू किया गया है। जिन उपभोक्ताओं का खाता बंद हो गया है। वह अपना आधार देकर पांच से 10 मिनट में अपने खाते को पुन: चालू कर सकते हैं।

कोरोना संक्रमण के संदेह में तीन की होगी जांच

जमुई। तब्लीगी मरकज में भाग लेने भारत आया एक इंडोनेशियाई नागरिक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। उसके साथ ट्रेन की बोगी में दिल्ली से सफर करने वाले चार लोगों में से तीन को शनिवार को जांच के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया गया। चौथा व्यक्ति कोडरमा गया है। तीनों लोग कल्याणपुर पंचायत के लाहाबन तूरी टोला के रहने वाले हैं। प्रयागराज के जिलाधिकारी द्वारा जमुई जिलाधिकारी को इस संबंध में सूचना दी गई है। चकाई बीडीओ सुनील कुमार चांद ने बताया कि प्रयागराज के डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने जमुई डीएम को विशेष पत्र भेजकर जानकारी दी कि 31 मार्च को अब्दुल्ला मस्जिद, प्रयागराज में कुछ बाहरी लोगों के ठहरने की सूचना मिली। ये लोग तब्लीगी जमात मरकज, निजामुद्दीन दिल्ली के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सूचना के बाद इंडोनेशिया सहित केरल और अन्य जगहों के सात लोगों को हिरासत में लेकर क्वारंटाइन किया गया। इनमें इंडोनेशियाई नागरिक कोरोना पॉजिटिव पाया गया। सातों लोगों ने 21 मार्च को पुरुषोतम एक्सप्रेस से दिल्ली से प्रयागराज तक की यात्रा की थी। इस बोगी में लाहाबन के चार लोग भी मौजूद थे। इसके बाद जमुई डीएम के निर्देश पर टीम ने तीन लोगों को कब्जे में लेकर जांच के लिए जमुई भेज दिया, जबकि एक मजदूर घर नहीं लौटा है। उसके कोडरमा जाने की बात बताई गई। उसे भी कब्जे में लेने के लिए वहां के प्रशासन से संपर्क किया जा रहा है। इन लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। साथ ही इन्हें 14 दिनों के लिए कल्याणपुर पंचायत के मोहनपुर में बने केंद्र में क्वारंटाइन कर लिया जाएगा। इन्हें लेने गई टीम में जिला कल्याण पदाधिकारी सह चकाई प्रखंड मेंटर भावानंद राय, सीओ अजीत झा, आपदा प्रभारी शंशाक कुमार, आइसीडीएस की पूनम कुमारी, रेफरल प्रभारी डॉ. रमेश प्रसाद आदि मौजूद थे।


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