Coronavirus Bhagalpur Update: 260 लोंगों की हुई थर्मल स्क्रीनिंग, शहर के एक दर्जन मोहल्ले से बिना सर्वे किए लौटी टीम
Coronavirus Bhagalpur News Update दिल्ली से पटना तक कोरोना संक्रमित के साथ हवाई यात्रा करने वालों में 11 लोग भागलपुर के भी शामिल हैं। इनमें तीन लोगों की जांच नहीं की जा सकी।
भागलपुर, जेएनएन। Coronavirus Bhagalpur News Update: मायागंज अस्पताल और सदर अस्पताल में सोमवार को 260 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसमें से 18 लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई। वहीं, तीन लोगों के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया।
संदिग्ध कोरोना वायरस के मरीजों की खोज लिए किया जा रहा सर्वे
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम डोर टू डोर सर्वे कर रही है, लेकिन शहर के लोग टीम को सहयोग नहीं कर रहे हैं। सोमवार को भी शहर के करीब एक दर्जन मोहल्लों से सर्वे टीम खाली लौटीं। इससे पहले रविवार और शनिवार को चंपानगर में लोगों ने टीम को लौटा दिया था।
स्वास्थ्य विभाग की 18 टीम 12 वार्डों के विभिन्न मोहल्लों में सोमवार को सर्वे करने गई थी, लेकिन ज्यादातर लोगों ने टीम को कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एक मोहल्ले में करीब 80 परिवार हैं। इस हिसाब से एक हजार परिवारों ने टीम को सहयोग नहीं किया, जबकि टीम केवल यह जानना चाहती है कि आपके घर में किसी को बुखार, सर्दी या खांसी है या नहीं। यह लक्षण कोरोना वायरस से जुड़ा है।
इन मोहल्ले से लौटी टीम
-चंपानगर का मोहन मिश्रा लेन।
-चंपानगर का हाकिम साह लेन।
-वार्ड चार का मेदनीनगर।
-नाथनगर का मोमीन टोला और एलएनसी लेन।
-वार्ड छह का सलाटर हाउस।
-वार्ड सात का मिर्गियाचक मोहल्ला।
-वार्ड आठ का नगरा और गढ़कछारी।
-साहेबगंज मुस्लिम टोला।
-वार्ड 33 का बम्हपूरा मोहल्ला।
-वार्ड 44 का मोगलपुरा।
बाहर से ही किया आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण
मायागंज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में डब्लूएचओ और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने प्रवेश करने से परहेज किया। उनके पास एन 95 मास्क नहीं था, इसलिए दूर से ही निरीक्षण किया। आइसोलेशन वार्ड में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज की व्यवस्था देखने सोमवार को डब्लूएचओ और यूनिसेफ के प्रतिनिधि आए थे। दो बेड के बीच कितनी दूरी है, दवा आदि की क्या व्यवस्था है, इसकी जानकारी भी लेनी थी। मेडिसीन विभाग के डॉ. राजकमल चौधरी ने कहा कि भागलपुर डब्लूएचओ के राजीव और पूर्णिया से यूनिसेफ के सोमालिया घोष आए हुए थे। उनसे आइसोलेशन वार्ड के उन कमरों को देखने का भी आग्रह किया, जहां मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाता है। लेकिन एन 95 मास्क नहीं रहने की वजह से प्रतिनिधियों ने दूर से ही कमरों को देखा। साथ में अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल भी थे। उन्होंने कहा कि टीम के पास मास्क रहना चाहिए। टीम के सदस्यों ने आइसीयू को भी देखा। बताया गया कि अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड के अलावा एक हजार बेड मरीजों के लिए सुरक्षित रखा गया है।
दो सौ जवानों को एक दर्जन से ज्यादा जिलों से बुलाया गया वापस
लॉकडाउन के दौरान गृह जिलों में फंसे करीब दो सौ पुलिस जवानों व पदाधिकारियों को भागलपुर बुला लिया गया है। इसके लिए पुलिस लाइन से विशेष बसें व अन्य वाहन बिहार के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में भेजे गए थे। इसकी जानकारी एसएसपी आशीष भारती ने दी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में फंसे जितने भी पुलिसकर्मी थे। उनकी एक सूची तैयार की गई। जो जिस जिले के थे, उसका एक रूट चार्ट तैयार किया गया। इसके बाद उन्हें सूचना दी गई कि वे तय समय में अपने अपने इलाकों में तैयार रहेंगे। भागलपुर पुलिस का विशेष वाहन उन्हें लाने के लिए भेजा जा रहा है। 18 अप्रैल को पुलिस लाइन से एक साथ आधा दर्जन अलग अलग चार पहिया वाहन निकले। जो रविवार की रात से भागलपुर पहुंचने शुरू हो गए। इसमें भोजपुर, पटना, रोहतास, बक्सर, जहानाबाद, औरंगाबाद, समेत काफी जिलों में वाहन गए थे। सभी मेडिकल जांच के बाद योगदान दे रहे हैं।
महिला आइटीआइ में क्वारंटाइन किए गए दो सौ पुलिसकर्मी
दूसरे जिलों से भागलपुर में योगदान देने वाले करीब दो सौ पुलिसकर्मियों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। कोरोना से बचाव को लेकर पुलिस ने अस्थायी तौर पर जीरोमाइल स्थित महिला आइटीआई को क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। जहां पुलिस वालों के रहने की व्यवस्था की गई है। रविवार और सोमवार को जवानों ने भागलपुर में योगदान दिया है। ये सभी लॉकडाउन होने के कारण अपने गृह जिलों में फंसे हुए थे। उन्हें एसएसपी आशीष भारती ने विशेष रूप से वाहन भेज भागलपुर मंगवाया है। सभी भागलपुर जिला बल के जवान हैं।
मेडिकल जांच के बाद रखे गए हैं अलग
बाहर से लौटने वाले सभी पुलिसकर्मियों की सदर अस्पताल में स्वास्थ्य जांच की गई है। चूंकि सभी लॉकडाउन के दौरान अपने अपने जिलों में थे। बिहार के कई जिलों में कोरोना फैला हुआ है। इस कारण एहितयात के तौर पर जांच हुई है। उन सभी पुलिसकर्मियों के लिए खाने की भी व्यवस्था आइटीआई में ही की गई है। उन लोगों के लिए मेस चलेगा। ताकि पुलिस वालों को किसी तरह की दिक्कत ना हो।
पानी और बाथरूम की नहीं है मुकम्मल व्यवस्था
क्वारंटाइन सेंटर के रूप में महिला आइटीआइ को बनाने के पूर्व वहां की सामान्य तरीके से साफ सफाई की गई। वहां रहने के लिए पुलिस वालों को बेड भी नहीं है। पानी के भी कई नल व बाथरूम खराब हैं। रोशनी की भी व्यवस्था तो है, लेकिन कई कमरों की लाइट जलती ही नहीं है। करीब एक दर्जन से ज्यादा महिला पुलिसकर्मी भी वहां रहने गई थी। लेकिन व्यवस्था ना देख वे लोग पुलिस लाइन ही लौटी हैं।