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Coronavirus Bhagalpur Update : डॉक्टर समेत 112 कर्मचारियों के सैंपल भेजे, भयभीत हैं मेडिकल कॉलेज के छात्र

Coronavirus Bhagalpur News Update सदर अस्पताल नवगछिया व कल्याण छात्रवास जिसे क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है वहां 65 लोगों के सैंपल लिए गए। 3 दिनों में रिपोर्ट मिल जाएगी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2020 09:57 AM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 06:02 PM (IST)
Coronavirus Bhagalpur Update : डॉक्टर समेत 112 कर्मचारियों के सैंपल भेजे, भयभीत हैं मेडिकल कॉलेज के छात्र
Coronavirus Bhagalpur Update : डॉक्टर समेत 112 कर्मचारियों के सैंपल भेजे, भयभीत हैं मेडिकल कॉलेज के छात्र

भागलपुर, जेएनएन। Coronavirus Bhagalpur News Update : मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर समेत 112 पारा मेडिकल कर्मचारियों और सुरक्षा गार्ड के सैंपल लिए गए। पीजी छात्रों को सैंपल लेने के लिए उन्हें घंटों प्रतिक्षा करनी पड़ी।

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छात्रों ने आरोप लगाया कि सैंपल देने के लिए सुबह से इंतजार करते रहे, दो बजे के बाद सैंपल लिए गए। भोजन भी नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि सभी छात्र भयभीत हैं। उन्हें भय भी लग रहा था कि आइसोलेशन में ड्यूटी भी की है। कही कोरोना के वे भी मरीज ना निकलें। सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल, नवगछिया और कल्याण छात्रवास जिसे क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, वहां 65 लोगों के सैंपल लिए गए हैं। दो-तीन दिनों में जांच रिपोर्ट मिल जाएगी।

दहशत में हैं जेएलएनएमसीएच के जूनियर डॉक्टर

जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल के पीजी डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव होने से यहां के बाकी चिकित्सक भयभीत हैं। अस्पताल से मुंगेर गई डॉक्टरों की टीम में भी भय है। इन्हें स्क्रीनिंग के समय पीपीई किट और एन 95 मास्क नहीं दिए गए थे। हालांकि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हेमंत कुमार सिन्हा का कहना है कि मुंगेर में चिकित्सकों की सुरक्षा का ख्याल रखा गया था।

मायागंज अस्पताल से आठ डॉक्टरों की टीम एक सप्ताह पूर्व स्क्रीनिंग करने मुंगेर गई थी। डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उनकी सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा गया। जूनियर चिकित्सकों की मांग है कि उन्हें भी क्वारंटाइन किया जाए। प्राचार्य ने कहा कि मुंगेर गए डॉक्टरों का आरोप निराधार है। वह भागलपुर वापस आने वाले हैं। उनकी भी स्क्रीनिंग की जाएगी। गुरुवार को किसी भी जूनियर डॉक्टर ने अस्पताल में ड्यूटी नहीं की। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल पर आरोप लगाया कि उन्होंने जूनियर डॉक्टरों की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा। सरकार ने निर्देश दिया है कि आइसोलेशन वार्ड में जूनियर डॉक्टरों से ड्यूटी नहीं कराएं। बावजूद, उनसे ड्यूटी करवाई गई। नतीजा यह निकला कि एक डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया। छात्रों ने पीपीई किट और एन-95 मास्क की अस्पताल अधीक्षक से मांग भी की थी।

मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने कहा कि पीजी छात्रों की सुरक्षा का ख्याल रखा गया है। सीनियर डॉक्टर ही आइसोलेशन विभाग में इलाज करते हैं। उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टरों के सैंपल भी जांच के लिए लिए गए हैं। ड्यूटी नहीं करने वाले डॉक्टरों के बारे में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को जानकारी दी जाएगी।


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