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यात्रीगण कृपया ध्यान दें... अब फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा करना आपके लिए आरामदायक होगा, सीट भी ज्यादा

Farakka Express train यात्री ट्रेन का परिचालन शुरू होने के बाद फरक्का एक्सप्रेस एलएचबी रैक के साथ चलेगी। सीटों की संख्या भी बढ़ जाएगी। तैयारी शुरू कर दी गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 12:33 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 12:33 PM (IST)
यात्रीगण कृपया ध्यान दें... अब फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा करना आपके लिए आरामदायक होगा, सीट भी ज्यादा
यात्रीगण कृपया ध्यान दें... अब फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा करना आपके लिए आरामदायक होगा, सीट भी ज्यादा

भागलपुर [रजनीश]। भागलपुर के रास्ते मालदा टाउन से चलकर दिल्ली जाने वाली फरक्का एक्सप्रेस का सफर पहले से आरामदेय होगा। इस यात्रा करने वाले यात्रियों को अब झटका महसूस नहीं होगा। क्योंकि इसमें उच्च सुरक्षा मानक वाले एलएचबी (लिंक हॉफमेन बुश) कोच लगा दिए गए हैं। रेलवे ने रैक के लिए देश के सभी कोच फैक्ट्री को पत्र भेजा है। इसके बाद तैयारी शुरू कर दी गई है। यात्री ट्रेन का परिचालन शुरू होने के बाद फरक्का एक्सप्रेस एलएचबी रैक के साथ चलेगी। दरअसल, ट्रेन में 23 मार्च तक फरक्का एक्सप्रेस का परिचालन आइसीएफ रैक से हो रहा था। एलएचबी रैक का प्रयोग अभी इस रूट से चलने वाली आठ ट्रेनों में हो रहा है। फरक्का एक्सप्रेस नौवीं ट्रेन होगी।

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नई रैक में कम होता है आवाज, झटका नहीं महसूस होगा

उच्च स्तरीय तकनीक से लैस इस कोच में बेहतर शॉक एक्जावर का उपयोग होता है। जिससे कम आवाज होती है और यात्रियों को झटकों का अहसास नहीं होता। वजन में हल्के कोच डिस्क ब्रेक के कारण कम समय व कम दूरी में बेहतर काम करते है। सीबीसी कपलिंग के कारण ये कोच दुर्घटना में भी नहीं टूटते और डिब्बे एक-दूसरे पर नहीं चढ़ते। इस तरह शौचालय का इस्तेमाल स्टेशन पर नहीं हो सकता। इसमे जनरल और स्लीपर क्लास की बोगियां भी बढ़ी है।

बढ़ जाएगी सीटों की संख्या

रैक बदलने के बाद फरक्का एक्सप्रेस में सीटों की संख्या भी बढ़ जाएगी। अभी पुराने रैक वाली फरक्का एक्सप्रेस के स्लीपर क्लास में 72 बर्थ होते हैं। लेकिन, एलएबची में सीटों की संख्या ज्यादा होती है। एसी थ्री में भी छह बर्थ पहले से ज्यादा होंगे। जबकि साधारण कोच में 16 सीटें बढ़ जाएगी। इससे यात्रियों को काफी सहूलियत होगी।

एलएचबी की खासियत

1.एलएचबी रैक स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं। इंटीरियर डिजाइन एल्यूमीनियम की होती है।

2. सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त भी होती है तो कपलिंग के टूटने की आशंका नहीं होती है, जबकि स्क्रू कपलिंग वाले कोचों के डिरेल होने से उसके टूटने का डर बना रहता है।

मुख्य बातें

-भागलपुर रूट की एलएचबी रैक से चलने वाली नौंवीं ट्रेन होगी,

-नई रैक लगने से पैसेंजर को होगी सहूलियत, हादसों पर होगा कंट्रोल

-ट्रेन की बढ़ेगी रफ्तार, आइसीएफ रैक के मुकाबले एलएबची बेहतर

-भागलपुर होकर एलएचबी रैक से गुजरने वाली ट्रेनें

-04 रैक बदले जाएंगे फरक्का एक्सप्रेस का

-12367 भागलपुर-आनंद विहार टर्मिनल विक्रमशिला एक्सप्रेस

-12349-भागलपुर-नई दिल्ली साप्ताहिक एक्सप्रेस

-13423- भागलपुर-अजमेरशरीफ साप्ताहिक एक्सप्रेस

-12254-भागलपुर-यशंवतुपर अंग एक्सप्रेस साप्ताहिक

-15619- कामख्या-गया साप्ताहिक एक्सप्रेस

-12336- भागलपुर-लोकमान्य तिलक सुपरफास्ट एक्सप्रेस

-15098- भागलपुर-जम्मूतवी अमरनाथ एक्सप्रेस

-15955- डिब्रूगढ़-दिल्ली ब्रह्मपुत्र मेल


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