अब भागलपुर में पत्ता-पत्ता बताएगा घर का पता, हर गतिविधियों पर रहेगी पैनी नजर
सिल्क सिटी भागलपुर में पेड़-पौधों पर लगाए जाएंगे खुफिया कैमरे हर गतिविधियों पर रहेगी पैनी नजर। सिस्टम को साफ्टवेयर से जोडऩे के लिए ड्रोन से सर्वे का काम शुरू। ट्रैफिक नियमों को तोड़ा तो घर पहुंच जाएगा चालान। आपराधिक वारदातों पर लगाई जा सकेगी लगाम।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। अब पत्ता-पत्ता बताएगा घर का पता। सिल्क सिटी में पेड़-पौधों पर खुफिया कैमरे लगाए जाएंगे। इससे हर तरह की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। ट्रैफिक नियमों को तोड़ा तो घर पर चालान पहुंच जाएगा। इससे आपराधिक वारदातों पर लगाम लगाई जा सकेगी।
स्मार्ट सिटी योजना के तहत सिस्टम को साफ्टवेयर से जोडऩे के लिए ड्रोन से सर्वे का काम शुरू हो गया है। यह व्यवस्था इस साल के अंत तक या अगले साल लागू हो जाएगी। इसको लेकर ड्रोन कैमरे से सर्वे का काम शुरू हो गया है। सभी 51 वार्डों में सर्वे का काम होगा। सर्वे के बाद खुफिया कैमरा लगाने सहित अन्य कार्य किए जाएंगे।
संपत्तियों की होगी जीआइएस मैपिंग
भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर साफ्टवेयर परियोजना (आइसीसीसी-साफ्टवेयर) के द्वितीय चरण में नगर निगम क्षेत्र में पडऩे वाली संपत्तियों की जीआइएस मैपिंग करने के उद्देश्य से ड्रोन सर्वे आरंभ किया गया है। नगर निगम क्षेत्र में पडऩे वाली हर इमारत की जीआइएस मैपिंग की जाएगी। इससे यह जानकारी हो सकेगी कि कौन सी इमारत या जमीन किस प्रकृति की है। साथ ही सभी सड़कों की भी जीआइएस मैपिंग की जाएगी, जिससे यह पता चल सकेगा की किस रोड पर ट्रैफिक कंजेशन कितना है और उसे कैसे दूर किया जा सकता है। ड्रोन सर्वे के दौरान 30 वर्ग किलोमीटर एरिया में कवर होगा। सर्वे में भू-स्वामित्व से जुड़ी जानकारी रहेगी। सर्वे के दौरान नगर निगम इलाके में बनी इमारतों की प्रकृति को भी देखा जाएगा। साथ ही उसकी संरचना की भी जानकारी इकट्ठी की जाएगी।
इमारतों की टैगिंग में यह स्पष्ट किया जाएगा कि यह सरकारी है या निजी। स्कूल, बैंक, अस्पताल और अन्य इमारतों की भी टैगिंग की जाएगी।
फील्ड सर्वे का काम हो चुका है पूरा
परियोजना के पहले चरण में फील्ड सर्वे कराया गया है। आठ किलोमीटर के कोर रिंग एरिया में आप्टिकल फाइबर बिछाने का काम तीव्र गति से चल रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत 151 किलोमीटर परिधि में आप्टिकल फाइबर बिछाया जाना है। 16 चौराहों पर इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया जाएगा, 1500 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, व्हीकल ट्रैफिक सिस्टम समेत अन्य सुविधाएं होंगी।
16 जगहों पर बनेगा जंक्शन
नगर निगम क्षेत्र का ट्रैफिक सिस्टम स्मार्ट बनेगा। 16 स्थानों पर जंक्शन बनेगा, यानी ट्रैफिक सिग्नल लगेंगे। ड्रोन से सर्वे होने के बाद जंक्शन बनाने का काम शुरू होगा। 197 करोड़ की लागत से स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम का निर्माण होगा। काम अगले साल पूरा होने की बात कही जा रही है।
4.5 किमी में डाला गया रिंग
पहले चरण में आठ किलोमीटर की परिधि में स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम का काम होगा। आठ किलोमीटर के दायरे में आप्टीकल फाइबर बिछाया जा रहा। इसे कंट्रोल एंड कमांड भवन से जोड़ा जाएगा। इसके बाद 150 किलोमीटर के दायरे को कंट्रोल एंड कमांड भवन से जोड़ा जाएगा। शहर में छह हजार कैमरे से चप्पे-चप्पे की निगरानी होगी। सड़क पर होने वाली हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैमरे में कैद हो जाएंगी। वादात कर भाग से अपराधियों और ट्रैफिक नियम तोड़कर भाग रही गाडिय़ों को ट्रैक कर लिया जाएगा। गलती करने वालों को जुर्माना और चालान उनके घर तक पहुंच जाएगा। अगले साल तक वार्ड एक से 51 की गतिविधियों की निगरानी कंट्रोल एंड कमांड भवन से होगी।
सड़क के नीचे बिछेगा आप्टिकल फाइबर
स्मार्ट सड़क बनने के पूर्व अंडरग्राउंड आप्टिकल फाइवर बिछाया जाएगा। स्मार्ट सड़कों पर सेंसर लगाए जाएंगे। इससे शहर में अपराधियों ने घटना को अंजाम दे दिया तो हाइ सिक्यूरिटी कैमरे में उनकी हरेक गतिविधियां कैद हो जाएंगी। सीसीटीवी कैमरे से ई-गवर्नेंस, ट्रैफिक मैनेजमेंट, सुरक्षा, बिल्डिंग मैनेजमंट सिस्टम, यूटीलिटी मैनेजमेंट जैसे कार्य नियंत्रित किए जाएंगे। घटना-दुर्घटना व आपात स्थित में तत्काल कार्रवाई होगी। नंबर डायल करने पर तत्काल पुलिस व एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। सड़क किनारे काल बाक्स की सुविधा होगी। दुर्घटना स्थल बटन दबाते ही कंट्रोल रूम से संपर्क हो जाएगा। इसके बाद आपात सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कंट्रोल रूम से पार्किंग एरिया की भी निगरानी होगी। गुजरने वाली गाडिय़ों का नंबर स्वत: ट्रैक होता रहेगा।
पुलिस लाइन में बन रहा कंट्रोल एंड कमांड भवन
पुलिस लाइन में कंट्रोल एंड कमांड भवन का निर्माण हो रहा है। भवन निर्माण के बाद डाटा सेंटर, कमांड व नियंत्रण केंद्र, कार्यालय व सभागार का निर्माण होगा। निचले तल पर वाहन पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। साथ ही पूछताछ केंद्र भी रहेगा। पहले तल्ले पर डाटा, दूसरे तल्ले पर पर कंट्रोल एंड कमांड केंद्र, तीसरे तल्ले पर स्क्रीन और गैलरी, चौथे तल्ले पर कार्यालय और पांचवें तल्ले पर बैठक खाना और कैफेटेरिया की सुविधा होगी। भवन में बड़ा सा स्क्रीन लगेगा। यहां बैठकर पूरे शहर की निगरानी बड़ी सी स्क्रीन पर होगी।
भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर साफ्टवेयर परियोजना के द्वितीय चरण में नगर निगम क्षेत्र में पडऩे वाली संपत्तियों की जीआइएस मैपिंग के लिए ड्रोन सर्वे शुरू हो गया है। सर्वे में सभी सड़कों की भी जीआइएस मैपिंग की जाएगी, जिससे यह पता चल सकेगा की किस रोड पर ट्रैफिक कंजेशन कितना है और उसे कैसे दूर किया जा सकता है। - संदीप कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, बीएससीएल