Move to Jagran APP

सुंदरवन के जमीन मालिक को मिलेंगे 99 करोड़ रुपये, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपनाई गई भू-अर्जन की प्रक्रिया

डीएम के नेतृत्व में पिछले माह कीमत का निर्धारण हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फिर से भू-अर्जन की प्रक्रिया अपनाई गई। जमीन की कीमत का निर्धारण हो गया है। जमीन मालिक को 99 करोड़ 87 लाख 96 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 09:52 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 09:52 AM (IST)
सुंदरवन के जमीन मालिक को मिलेंगे 99 करोड़ रुपये, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपनाई गई भू-अर्जन की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सुंदरवन का नए सिरेे से भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है।

भागलपुर, जेएनएन। सुंदरवन के भू-अर्जन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। जमीन की कीमत का निर्धारण हो गया है। जमीन मालिक को 99 करोड़ 87 लाख 96 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा। यह राशि जारी कर दी गई है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने महालेखाकार को पत्र के माध्यम से जानकारी दी है कि 99 करोड़ 87 लाख 96 हजार रुपये बिहार राज्य आकस्मिकता निधि से अग्रिम स्वीकृति दी गई है। इस राशि की निकासी का अधिकार वन प्रमंडल पदाधिकारी होंगे। राशि की निकासी संबद्ध कोषागार से कर जिलाधिकारी को उपलब्ध कराई जाएगी। राशि मिल जाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि विधानसभा चुनाव के बाद सुंदर वन के मालिक को मुआवजा मिल जाएगा।

loksabha election banner

वन प्रमंडल पदाधिकारी मुंगेर ने नौ अगस्त 1980 को वन संरक्षण कार्यालय, आवास और नर्सरी के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजकर 29.38 एकड़ जमीन मांगी थी। उसी के आलोक में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई। जिला प्रशासन ने 20 अगस्त 1981 को 23.66 एकड़ जमीन वन विभाग को सौंप दी। फाइनल सर्वे के बाद जमीन का रकबा 23.95 एकड़ हो गया। जिला भू-अर्जन कार्यालय के अनुसार पूर्व में मुआवजा की राशि कोलकाता स्थित जमीन मालिक को भेजी गई थी। जमीन मालिक ने मुआवजा की राशि लेने से इन्कार कर दिया। भूस्वामी ने इसके पहले भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सुंदर वन की जमीन, पेड़, मकान आदि का आकलन कर मुआवजा राशि की मांग की थी, लेकिन वन विभाग द्वारा राशि नहीं मिली।

मामला हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा भुगतान के नियमों का पालन करते हुए राशि देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में पूर्व में निर्धारित मुआवजा की राशि का ब्याज सहित आकलन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को सुंदर वन का नए सिरेे से भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। पुरानी सारी प्रक्रिया को रद करते हुए नई नियमावली के अनुसार भू-अर्जन करने का आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट का फरवरी में आदेश मिलने के बाद जिला प्रशासन ने भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू की थी। पिछले महीने डीएम के नेतृत्व में छह सदस्यीय कमेटी ने जमीन की कीमत का निर्धारण किया था। कीमत निर्धारण के बाद पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से राशि की मांग की गई थी। कीमत के निर्धारण के बाद अवार्ड की घोषणा की गई थी। इसके पूर्व डीएम प्रणव कुमार की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी ने छह जुलाई को सुंदर वन की जमीन का आकलन किया था। डीडीसी, डीएफओ, एडीएम, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी व रजिस्ट्रार के साथ डीएम ने जमीन के आकलन के साथ संपत्ति का भी आकलन किया था। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कीमत का निर्धारण किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.