भागलपुर, जेएनएन। बुधवार की सुबह से ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, जिसमें वे भागलपुर जिले के पीरपैंती के भाजपा विधायक ललन पासवान को फोन पर उनका हालचाल पूछा। जीत पर बधाई दी। इसके बाद उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में मदद करने की बात कही। इसके बदले में उन्हें मंत्री बनाने की बात कही है। राजद सुप्रीमो ने उन्हें चुनाव के दौरान अनुपस्थित रहने की सलाह दी। लालू यादव चारा घोटाले मामले में रांची जेल में हैं। अभी वे एक सरकारी बंगले में कैद हैं। कोरोना की वजह से उन्हें अस्पताल के पेइंग वार्ड से हटाकर बंगले में रखा गया है।
बातचीत में लालू प्रसाद ने सीधे कॉल में कहा कि जीत के लिए पासवाान जी बधाई , इसके बाद विधायक ललन पासवान प्रणाम करते हैं। ऑडियो में लालू प्रसाद बोल रहे हैं कि सुनो हम लोग तुम को आगे बढ़ाएंगे, कल जो स्पीकर का चुनाव है, उसमें साथ दो। कल हम लोग इसको गिरा देंगे। तुम इसमें साथ दो। विधायक ललन पासवान कहते हैं कि हम तो पार्टी में हैं सर। तब लालू प्रसाद कहते हैं कि तुम सदन में हाजिर नहीं होना। बोल देना कि कोरोना हुआ है। इसके बाद तो स्पीकर हमारा होगा, हमलोग देख ही लेंगे।
सोशल मीडिया पर जारी ऑडियो
पासवान जी बधाई, जी प्रणाम चरण स्पर्श आपकाे। खुश रहो। जी अच्छा सुनो, हमलोग आगे भी तुमको बढ़ाएंगे, वहां जो विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव है उसमें हमलोगों का साथ दो, आगे बनाएंगे तुमको मंत्री बनाएंगे। कल तो हमलोग इसको गिराएंगे। हम तो पार्टी में हैं ना सर, तो एब्सेंट हो जाओ ना। अबसेंट हो जाओ। कोरोना हो गया था। एब्सेंट हो जाओ। ठीक है सर संज्ञान में है बात करेंगे। ठीक है अबसेंट हो जाओ।
इस संबंध में विधायक ललन पासवान ने कहा कि उन्हें लालू प्रसाद यादव का फोन आया था। वे स्पीकर के चुनाव में मदद मांग रहे थे। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने उन्हें प्रलोभन भी दिया।
पीरपैंती विधायक ललन पासवान ने कहा कि पार्टी उनकी मां है। पार्टी ने उन्हें चुनाव हारने के बाद भी इस बार टिकट दिया। वे चुनाव जीते। उन्होंने कहा पार्टी ने उनपर भरोसा किया है। वे पार्टी के साथ गद्दारी नहीं करेंगे।
यहां बता दें कि पीरपैंती विधानसभा से इस बार एनडीए समर्थित भाजपा विधायक ललन पासवान ने राजद के उम्मीदवार पूर्व विधायक रामविलास पासवान को 27 हजार मतों के अंतर से हराया था। हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव में ललन पासवान चुनाव हार गए थे। 2015 में यहां से राजद के रामविलास पासवान विधायक बने थे। यहां यह भी ध्यान देने की बात है कि 2015 में भाजपा ने अपने तत्कालीन विधायक अमन पासवान का टिकट काटकर ललन पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया था। भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण अमन पासवान 2015 में तो चुप रहे, लेकिन इस बार के चुनाव में वे भाजपा से बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे।
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