लालू ने कटिहार में तारिक अनवर को हराने के लिए कई बार उतारे थे कद्दावर बाहरी प्रत्याशी
1991 में लालू ने पूर्व राज्यपाल युनूस सलीम को राजद का टिकट देकर कटिहार से उतार दिया था। सलीम लखनऊ के रहने वाले थे। 1991 का चुनाव सलीम जीत गए और तारिक हार गए।
भागलपुर [राम प्रकाश गुप्ता]। 1990 के दशक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सत्ता के शीर्ष पर थे। राजनीतिक रुप से शक्तिशाली होने के कारण लालू ने जब जिनको मनचाहा किसी भी क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतार दिया। कांग्रेस के सीनियर लीडर तारिक अनवर कटिहार से चुनाव लड़ते रहे हैं। राजनीतिक जीवन में वे कटिहार से कई बार चुनाव लड़े और जीते भी। हालांकि तारिक बीच में कई वर्षों तक एनसीपी में चले गए थे।
1991 में लालू ने पूर्व राज्यपाल युनूस सलीम को राजद का टिकट देकर कटिहार से उतार दिया था। सलीम लखनऊ के रहने वाले थे। 1991 का चुनाव सलीम जीत गए और तारिक हार गए। फिर 1996 में सलीम चुनाव नहीं लड़े। सलीम 1990 में बिहार के राज्यपाल थे। उनका जन्म लखनऊ में हुआ था तथा 15 जनवरी 2004 को उनका निधन हो गया। वे कटिहार में चुनाव लडऩे से पहले राज्यसभा का सदस्य भी रह चुके थे। केंद्र सरकार में विधि और रेल राज्य मंत्री भी थे। 1996 में युनूस सलीम कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
स्थानीय रवीन्द्र कुमार साह कहते हैं कि चुनाव जीतने के बाद सलीम अपने क्षेत्र कटिहार बहुत ही कम आए थे। वृद्ध होने के कारण उन्हें चलने में परेशानी थी।
1996 में लालू ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके मुफ्ती मुहम्मद सईद को टिकट दिया। इस बार लालू का यह प्रयोग फेल हो गया और सईद हार कर तीसरे स्थान पर चले गए। तारिक जीत गए। भाजपा के निखिल चौधरी से उनकी लड़ाई हुई। चुनाव हारने के बाद सईद फिर कभी कटिहार नहीं आए।
कटिहार से सांसद रहे निखिल चौधरी कहते हैं कि लालू ने दो अलग-अलग चुनावों में बाहर से लाकर जिनको उतारा था, उनके लिए वे खूब प्रचार किए थे। सईद के चुनाव प्रबंधन की कमान पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश यादव और राज्य सरकार में मंत्री रहे राम प्रकाश महतो ने संभाली थी। कटिहार सीट से 1967 में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सीताराम केसरी भी चुनाव जीते हैं। दो बार 1997 और 1989 में स्थानीय युवराज सिंह एमपी रहे हैं। भाजपा के निखिल चौधरी को भी कटिहार ने तीन बार लोकसभा भेजा है। वे केंद्र सरकार में राज्यमंत्री भी रहे हैं।