कोरोना से मुक्ति से लोग पहुंचे मंदिर, गेट पर माथा टेका, हे प्रभू... कोरोना से रक्षा करो
Lakhisarai coronavirus News update कोरोना से बढ़ते प्रकोप के कारण लोग दहशत में आ गए हैं। लोगों ने मंदिर पहुंचकर कोरोना से बचाव के लिए भगवान से प्रार्थना की। इस दिनों मंदिर भी बंद हैं। मंदिर गेट पर लोगों ने माथा टेका।
जागरण संवाददाता, लखीसराय। कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे को देखते हुए सरकार के आदेश पर मंदिरों को बंद कर दिया गया है। लखीसराय जिले में भी सभी मंदिरों में ताला लटका हुआ है। बिहार के बाबाधाम के रूप विख्यात श्री इन्द्रदमनेशनेश्वर महादेव मंदिर अशोकधाम, शक्तिपीठ जगदंबा मंदिर बड़हिया, शहर की बड़ी देवी और छोटी दुर्गा मंदिर सहित सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उधर कोरोना संक्रमण का कहर जिले में लगातार जारी है। अबतक जिले में 30 से अधिक लोगों की मौतें कोरोना से हो चुकी है। एक हजार से अधिक लोग कोरोना वायरस की चपेट में आकर अपने घरों में रहकर भगवान से ठीक होने की प्राथना कर रहे हैं।
पूरी आबादी कोरोना के डर से दहशत में हैं। जब कोई आपदा या संकट आती है तो लोग भगवान के शरण में जाकर उनकी आराधना करते हैं। यहां परिस्थिति ऐसी बनी हुई है कि भगवान भी मंदिरों में बंद है। मंदिर बंद रहने के बावजूद भक्त इतने परेशान और विवश हैं कि मंदिर के बाहर खड़े होकर भगवान से कोरोना आपदा से मुक्ति की गुहार लगा रहे हैं। रविवार की सुबह शहर के पुरानी बाजार स्थित छोटी दुर्गा मंदिर के बाहर भक्तों की कतार लगी रही। मंदिर के बाहर से भक्त भगवती के सामने फरियाद लगाते नजर आए। हर किसी के चेहरे पर कोरोना नामक वायरस का डर साफ झलक रहा था। भक्तों को अब भी भगवान पर भरोसा है कि जल्द ही सबकुछ ठीक हो जाएगा। अशोकधाम मंदिर का भी पट बंद है। वहां के पुजारी सुबह शाम भोलेनाथ की पूजा आरती कर कोरोना नामक त्रासदी से मुक्ति की मन्नतें मांग रहे हैं।
उधर मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र रमजान का महीना चल रहा है। कोरोना के कारण मस्जिद भी है। रोजेदार अपने घरों में रहकर अल्लाह की इबादत कर इस आपदा से मुक्ति की गुहार लगा रहे हैं। संक्रमण से बचाव को लेकर लोग काफी सतर्कता भी बरत रहे हैं। बावजूद हर तरफ लोग डरे हुए हैं। संक्रमित व्यक्ति का सरकारी अस्पतालों में समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं रहने, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के अभाव में लोगों की हो रही मौतें को देख लोगों को बस अपने भगवान और अल्लाह पर भरोसा है। इसलिए मंदिर और मस्जिद बंद रहने के बाद भी लोगों की आस्था कम नहीं हुई है और मंदिर के बाहर से ही प्रार्थना कर रहे हैं।